प्रवासियों के कवारण्टाइन को लेकर उच्च न्यायालय का निर्णय स्वागत योग्य : महेश जोशी
देहरादून। कांग्रेस नेता महेश जोशी ने आज हरिद्वार निवासी सच्चिदा नन्द डबराल की जनहित याचिका पर न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को राज्य के बोर्डर पर प्रवेश करते ही संस्थागत क्वारन्टीन करने को निर्देशित करने का स्वागत किया है। उंन्होने कहा कि कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना इस मामले को शुरू से ही उठाते रहे है और सरकार हठधर्मिता से कार्य करके बैतुके फैसले लेकर जनता की जोखिम से खिलवाड़ कर रही है ।उंन्होने कहा कि सरकार की हीलाहवाई से बढ़ रहे कोरोना संक्रमन के केस। उन्हों ने लगातार कोरोना संक्रमण के केसों में बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त की और समय रहते इस पर नियंत्रण करने को कहा और चेतावनी भरे लहजे में समय रहते गम्भीरता से कोरोना के खात्मे का कार्य होना चाहिये नही तो दिन बदिन स्थिति विस्फोटक होती जा रही है । उंन्होने राजधानी देहरादून में कोरोनकाल में सेनिटा इजेशन का नियमित छिड़काव तक नही किया गया है अभी भी शहर में ऐसे वार्ड है जहाँ तक नगर निगम नही पहुंच पाया है । शुरू से ही नगर निगम की भूमिका लापरवाह पूर्ण रही ।सेनीटाइजेशन के नाम पर मात्र खाना पूर्ति ही होती रही । अब जब प्रवासी उत्तराखंडियो का घर वापसी का सिलसिला जारी है तो अपनी जिम्मेवारी से सरकार मुंह मोड़ रही है । ग्रामीण इलाकों पर प्रधानों के ऊपर क्वारन्टीन का दारोमदार है । सरकार अपने तंत्र का इस्तेमाल करने में हिचकिचा रही है । उंन्होने गौचर क्वारन्टीन केंद्र का हवाला देते हुये इसे भारी चूक व सरकार की नाकामी कहा कि वहाँ क्वारन्टीन किये गए लोगो को खाने को बाजार आना पड़ रहा है जिससे कोरोना के संक्रमण का खतरा पैदा हो रहा है । उंन्होने कहा कि ग्राम स्तर पर प्रधानों से क्वारन्टीन करवाना सम्भव नही ।गांवों में बिस्तर खाने रहने की समुचित व्यवस्था उपलब्ध नही हो पाती ।