दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार के नई बसें खरीदने के फैसले पर किया सवाल, कहा- बसें क्या हवा में उड़ेंगी?
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में चल रही आप सरकार को आगाह करते हुए कहा कि अगर उसके पास वाहनों के लिए पार्किंग स्थल मुहैया कराने की कार्य योजना नहीं है तो स्टैंडर्ड-फ्लोर सीएनजी बसों की बजाए 1,000 लो-फ्लोर इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के उसके फैसले पर रोक लगा दी जाएगी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने पार्किंग स्थल की योजना को अंतिम रूप दिए बिना खरीद के आदेश जारी किए जाने का संज्ञान लेने के बाद दिल्ली सरकार और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) से कहा, ‘‘क्या ये 1,000 बसें हवा में उड़ेंगी.’’
अदालत ने पहले प्रस्तावित स्टैंडर्ड-फ्लोर सीएनजी बसों की बजाए 1,000 लो-फ्लोर इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के दिल्ली सरकार के फैसले को लेकर उससे समयसीमा बताने को कहा. पीठ ने लो-फ्लोर बसों की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि दिल्ली में शारीरिक रूप से अशक्त लोगों को बसों में इस सुविधा से वंचित रहने नहीं दिया जाएगा.
दिल्ली सरकार और डीटीसी के उनके पास पार्किंग स्थल होने के दावों से असंतुष्ट पीठ ने कहा दिल्ली के मुख्य सचिव को ‘‘तत्काल’’ उच्च स्तरीय अधिकारियों की एक बैठक बुलाने और अदालत को पार्किंग स्थलों, उनके डिजाइन, निर्माण की समयसीमा एवं उनकी जगह से जुड़ी कार्य योजना सुनवाई की अगली तारीख 28 फरवरी तक सौंपने को कहा.
अदालत ने कहा कि समयसीमा के भीतर ऐसा ना होने पर निविदा पर रोक लगा दी जाएगी और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी.