हाई कोर्ट ने पूछा, गरीब लोगों पर ही क्यों होती है तत्काल कार्रवाई

नई दिल्ली । दक्षिण दिल्ली नगर निगम द्वारा तितारपुर इलाके में फुटपाथ पर दशहरे के लिए रावण का पुतला बना रहे लोगों पर कार्रवाई करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने स्वयं संज्ञान लिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की खंडपीठ ने कहा कि आखिर निगम केवल गरीब व जरूरतमद लोगों पर ही कार्रवाई क्यों करता है?

हाई कोर्ट ने कहा कि शहर में जगह-जगह अतिक्रमण है। साल में केवल कुछ समय के लिए तितारपुर में सड़क किनारे रावण के पुतले बनाने के लिए आने वाले कलाकारों के रोजगार को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है? खंडपीठ ने कहा कि राजस्थान सहित विभिन्न हिस्सों से रावण के पुतले बनाने वाले यह कलाकार दिल्ली आते हैं। कर्ज लेकर ये लोग पुतले बनाते हैं। त्योहार के बाद यह वापस लौट जाते है।

मामले में वरिष्ठ वकील अशोक अग्रवाल को हाई कोर्ट ने न्याय मित्र बनाते हुए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। अगली तारीख पर निगम के आला अधिकारियों को स्वयं उनके समक्ष मौजूद रहकर जवाब देने के लिए कहा गया है। तत्काल इन कलाकारों के लिए शौचालय व पानी की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई अब 20 सितंबर को होगी।

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