उत्तराखंड: ‘नंदा’ के चेहरे की मुस्कान बनीं हेमलता बहन
देहरादून : ‘नंदा तू राजी खुशी रैया…’ ऋषिकेश की हेमलता बहन के लिए यह सिर्फ एक अभियान ही नहीं है, बल्कि हर बेटी को टीबी से मुक्त कर उसके चेहरे पर मुस्कान लौटाना है। हेमलता बहन ने वर्तमान में पांच से 19 साल की 15 टीबी से ग्रस्त बेटियों को इस अभियान से जोड़ा है। इसके तहत हेमलता इन लड़कियों के लिए प्रोटीन युक्त भोजन की पूरी व्यवस्था करती हैं। वह अब तक करीब 100 से ज्यादा टीबी से ग्रस्त गरीब बेटियों के चेहरे पर खुशी ला चुकी हैं।
हेमलता बहन 15 साल तक डाट्स प्रोवाइडर रहीं। वह कहती हैं कि इस दौरान उन्होंने बड़ी नजदीक से देखा कि यदि किसी लड़की को टीबी हो जाती थी तो उसके साथ लोग कैसा व्यवहार करते थे। यहां तक की डाक्टर भी उन्हें हीनभावना से देखते थे। यह बात मेरे मन में घर कर गई। तब ही मैने सोचा कि इन बेटियों के लिए कुछ करना है। इस तरह से मेरे इस अभियान ‘नंदा तू राजी खुशी रैया’ की नींव पड़ी।
इस अभियान के तहत मैं उन गरीब बेटियों के लिए प्रोटीन युक्त भोजन की व्यवस्था करती हूं, जो टीबी जैसे रोग से ग्रसित हैं। दरअसल अस्पताल से टीबी की दवा तो मिल जाती है, लेकिन उन्हें प्रोटीन युक्त भोजन नहीं मिल पाता, जिससे वे ठीक ढंग से सही नहीं हो पाती हैं। ऐसी बेटियों को मैं छह माह तक या जब तक उनका दवा का कोर्स पूरा नहीं हो जाता, तब तक अपने इस अभियान से जोड़े रखती हूं।
अभियान के तहत उन्हें फल, दूध, जूस, सूप, सोयाबीन, कॉर्न फ्लैक्स आदि दिया जाता है। हेमलता कहती हैं कि इस अभियान के तहत मैं केवल उन बेटियों को ही जोड़ती हूं, जो इस बीमारी से ठीक होकर पढ़ना चाहती हैं, कुछ करना चाहती हैं। शुरुआत में मैने यह अभियान खुद ही शुरू किया था, लेकिन धीरे-धीरे लोग इसमें जुड़ते गए। इसमें कई ऐसे भी लोग जुड़े, जिन्हें कभी खुद इस अभियान के हिस्से थे।