उत्तराखंड: अगले 48 घंटे गढ़वाल मंडल में भारी बारिश की चेतावनी
देहरादून : मौसम विभाग का पूर्वानुमान सच साबित हुआ। रुद्रप्रयाग जिले में बादल फटने से एक गांव में मलबा घुसने से खासा नुकसान हुआ है। इसके अलावा बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग मलबा आने से बाधित रहा। हालांकि सुबह यातायात सुचारु कर दिया गया। कुमाऊं के पिथौरागढ़ में भी टनकपुर-तवाघाट मार्ग पहाड़ी दरकने के कारण बंद है। देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि फिलहाल मौसम के तेवर में बदलाव की उम्मीद नहीं है। अगले 48 घंटे में गढ़वाल मंडल में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है।
रफ्तार पकड़ता मानसून मुसीबत का सबब बनता जा रहा है। शनिवार सुबह रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि ब्लाक के पीड़ा धनपुर गांव में बादल फटने से तीन मकान और एक गोशाला मलबे की चपेट में आ गए। इनमें से एक मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गया, जबकि दो आंशिक क्षतिग्रस्त हुए हैं। घटना के वक्त घर के लोग खेतों में गए थे। वहीं गोशाला में दबने से चार मवेशियों की मौत हो गई।
मौके का मुआयना करने के बाद रुद्रप्रयाग की एसडीएम मुक्ता मिश्रा ने बताया कि प्रभावित परिवारों को तात्कालिक सहायता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि गांव को जोड़ने वाला मार्ग भी 50 मीटर बह गया। इसके अलावा भारी बारिश से टिहरी जिले के इंद्रोला गांव में भी एक मकान धवस्त हो गया। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार को भी यातायात बाधित रहा। बदरीनाथ के पास लामबगड़ और रुद्रप्रयाग से 11 किलोमीटर दूर शिवनंदी में मलबा आने से रात को बंद मार्ग सुबह खोला जा सका। बीते एक सप्ताह में यह मार्ग 50 घंटे से ज्यादा बाधित रहा है।
शुक्रवार की रात भारत, नेपाल और तिब्बत सीमा से लगे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मूसलधार बारिश हुई। पिथौरागढ़ जिले के धारचूला तहसील में 108 एमएम जबकि मुनस्यारी में 52 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई। उच्च हिमालय में भारी बारिश से गुंजी के पंचायत घर के शौचालय की एक दीवार ढह गई। दीवार की चपेट में आकर एक चिकित्सक घायल हो गए। इसके अलावा टनकपुर-तवाघाट हाईवे तथा तवाघाट-सोबला और जौलजीवी-मदकोट मार्ग घंटों बंद रहे।