उत्तराखंड में बारिश का कहर, राजधानी की सड़के जलमग्न
देहरादून : उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम के तेवर तल्ख बने हुए हैं। पिथौरागढ़ जिले के मदकोट क्षेत्र में एक बार फिर बुधवार देर रात बादल फटने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। मलबे से तीन मकान ध्वस्त हो गए। प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। ग्रामीणों ने पूरी रात जागकर काटी। इस गांव में 12 अगस्त की रात भी बादल फटने से भारी तबाही हुई थी। दूसरी ओर चमोली जिले के पठियालधार में पहाड़ी से गिरे मलबे में दबकर एक रिटायर फौजी की मौत हो गई। वहीं राजधानी देहरादून में भी पिछले 24 घंटे से भारी बारिश जारी है। जिससे जन जीवन बुरी तरह से प्रवाभित हुआ है। बंजारावाला, पटेलनगर, सेवला कलां और रायपुर में कई घरों में पानी भर गया है। शहर की अधिकांश सड़के हुई जलमग्न हो गर्इ हैं। झमाझम बारिश से शहर में कई जगह ट्रैफिक भी जाम हुआ। वहीं, आज हरिद्वार दिल्ली हाईवे पर पतंजलि योगपीठ के पास हाईवे का बड़ा हिस्सा धंस गया। इससे यातायात बाधित हो गया।
पिथौरागढ़ जिले के मदकोट में बुधवार रात आकाशीय बिजली गिरने के साथ ही बादल फटने से तामाखाली तोक और आसपास के गांवों में अफरातफरी मच गई। ग्रामीण अपने घरों को छोड़कर रात में ही सुरक्षित व ऊंचे स्थानों पर जमा हो गए। इस दौरान गांव में तीन मकान ध्वस्त हो गए। गांव की पेयजल लाइन व पैदल मार्ग भी बह गया। गौरतलब है कि 12 अगस्त को बादल फटने से गांव में चार लोगों की मौत हो गई थी।
गुरुवार को पहाड़ से लेकर मैदान तक मौसम रंग बदलता रहा। सुबह तेज धूप रही, लेकिन दोपहर बाद तेज बौछारें पड़ने लगीं। लगातार हो रही बारिश से बदरीनाथ हाईवे पर आवागमन बाधित रहा। लामबगड़ के पास बुधवार शाम मलबा आने बंद हाईवे को सीमा सड़क संगठन के जवानों ने सुबह दस बजे सुचारु कर दिया। बारिश के कारण टिहरी जिले के बिरोड़ गांव में एक मकान क्षतिग्रस्त हो गया। परिवार ने रिश्तेदारों के घर में शरण ली है।
हरिद्वार में हाईवे पर बना गड्ढा
मूसलाधार बारिश के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग बहादराबाद शनिदेव मन्दिर के पास हाईवे पर बारिश के पानी से गहरा गड्ढा बन गया। राष्टीय राजमार्ग पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। बोंगला के पास शनिदेव मन्दिर के निकट बरसात के पानी की निकासी के लिये पूर्व में नाला बना हुआ था, जिसे राष्टीय राजमार्ग की कार्यदायी संस्था द्वारा उक्त नाला को दबा कर नई सड़क का निर्माण कर दिया गया। गत रात्रि को हुए भारी बारिश के चलते पानी का बाहव तेज गति से उक्त नाले से निकलने लगा। उक्त नाले की चौड़ाई कम होने से सड़क पर कटाव होने से जाम की स्थिति बन गई। सुचना पर पहुंची पुलिस ने मशक्कत के बाद वाहनों को दूसरी ओर से निकाला। साथ ही राहगीरों व वाहनों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।
32 बकरियों की दबकर हुई मौत
मसूरी-चकराता हाईवे पर कैंपटी फॉल से 7 किमी आगे भटोली ग्रामसभा के कंदिखाल गाव में सड़क से एक किमी ऊपर चट्टान टूटकर गौशाला के ऊपर गिर गई। इससे कंदिखाल निवासी मुकेश पुत्र संतराम की 32 बकरियों की दबकर मौत हो गई। गौशाला में रखा सारा राशन और सामान भी पूरी तरह बर्बाद। घटना आज रात दो बजे की है। दून में जमकर बरसे मेघ, 10.5 मिमी बारिश
जैसा कि मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया था, गुरुवार शाम से जबरदस्त बारिश का सिलसिला दून में शुरू हो गया। शाम चार बजे मौसम ने करवट ली और शहरभर में बदरा खूब बरसे। देर रात तक रुक-रुककर झमाझम बारिश का सिलसिला चलता रहा। रात आठ बजे तक ही 10.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड कर ली गई थी। शुक्रवार सुबह भी बारिश जारी रही।
ऋषिकेश में झामझम बारिश
नगर तथा आसपास क्षेत्र में गुरुवार की देर रात से ही बारिश जारी है। वर्षा के कारण ग्रामीण क्षेत्र में सोग नदी का जलस्तर बढ़ गया है। गोहरी माफी क्षेत्र में सोग नदी का पानी डायवर्ट होकर सूखे नाले की ओर आ गया है।जिससे आबादी क्षेत्र के लोग स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उप जिलाधिकारी हर गिरी ने बताया कि सौंग नदी में जहां बाढ़ सुरक्षा कार्य चल रहे थे वहीं से पानी नाले में डाइवर्ट हुआ है। क्षेत्रीय लेखपाल को मौके पर ही रहने को कहा गया है, उधर गंगा का जलस्तर भी अभी चेतावनी रेखा से करीब एक मीटर नीचे बह रहा है ।यहां चेतावनी रेखा 339.50 मीटर पर है। जब की गंगा 338. 45 मीटर पर बह रही है।