सोमवती स्नान पर्व पर गंगा में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
हरिद्वार : स्नान, दान व श्राद्धादि के लिए लिए शुभ मानी जाने वाली सोमवती अमावस्या पर धर्मनगरी के गंगा घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाया।
सोमवार को सुबह से ही श्रद्धालु गंगा घाटों पर पहुंचने लगे थे। धर्मनगरी की हृदयस्थली हरकी पैड़ी समेत तमाम गंगा घाटों पर दिन भर श्रद्धालु गंगा में स्नान के लिए पहुंचे। इस अवसर पर लोगों ने जरूरतमंदों को दान भी किया। कई श्रद्धालुओं ने अपने पित्रों की मुक्ति के लिए श्राद्ध किया। गंगा में जलस्तर बढ़ने के चलते पुलिस भी अलर्ट रही। वहीं नारायणी शिला व कुशावर्त घाट पर श्रद्धालुओं ने अपने पितरों के निमित्त कर्मकांड भी संपन्न कराए।
12 साल बाद बना है शुभ संयोग
साल की आखिरी अमावस्या पौष मास अमावस्या है। जिसका काफी महत्व होता है। इस महिने सूर्य धनु राशि में होता है। जिसके कारण यह महीना शुभ माना जाता है। इस बार अमावस्या में बहुत ही शुभ संयोग है, जो पूरे 12 साल बाद पड़ा है। इससे पहले ऐसी अमावस्या 2005 में पड़ी थी।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक पौष अमावस्या के दिन सर्वार्थसिद्ध योग दिनभर बना रहेगा। जिसके कारण इसका महत्व दोगुना बढ़ गया है। माना जा रहा है इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके पूजा पाठ करने से विशेष पुण्य मिलता है। साथ ही इस योग के कारण पूजा का महत्व भी बढ़ जाता है।
जिन लोगों की कुंडली में विष योग, काल सर्प दोष, अमावस्या दोष है, वो लोग इस दिन अपने दोष का निवारण कर सकते हैं।
इस दिन पितरों की शांति के लिए अच्छा माना जाता है। इस दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए और पितृ दोष से मुक्ति के लिए खीर-पूड़ी का प्रसाद बनाकर, गोबर के कंडे जलाकर, उस पर पितरों के निमित्त खीर-पूड़ी का भोग लगाएं और अपने दाहिने तरफ दोनों हाथों से थोड़ा-सा पानी छोड़ दें। इसके बाद गाय को प्रसाद खिलाएं और घर के सभी सदस्यों को भी प्रसाद दें। पितरों के आशीर्वाद से आपके सारे काम बनेंगे।