चीन सीमा से सटे बुग्यालों के धधकने से सरकार में हड़कंप, जांच के आदेश
देहरादून : उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र के जंगलों में शीतकाल में एक के बाद एक आग की घटनाओं ने सरकार को भी बेचैन करके रख दिया है। चीन सीमा से सटे कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर करीब 10 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित बुग्यालों के धधकने से तो हड़कंप मच गया। हरकत में आई सरकार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने आशंका जताई कि ये आग इरादतन लगाई जा रही है। उन्होंने बताया कि इन घटनाओं की गहनता से जांच के आदेश विभागीय अधिकारियों को दिए गए हैं। विभाग को सख्ती से कदम उठाने को कहा गया है।
कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले छियालेख और गर्ब्यांग बुग्यालों जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्र में आग लगने की पहली घटना नहीं है। इससे पहले पंचाचूली ग्लेशियर, उत्तरकाशी की मुखेम रेंज के अलावा पौड़ी के थलीसैंण क्षेत्र के जंगल भी हाड़कंपा देने वाली ठंड के बीच सुलग चुके हैं।
ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि हिमालयी क्षेत्र में लगातार नमी के बावजूद वहां के जंगल क्यों सुलग रहे हैं और वह भी सर्दियों के सीजन में। एक के बाद एक हो रही आग की घटनाएं कई सवालों को जन्म दे रही हैं। ऐसे में सरकार का चिंतित होना लाजिमी है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत के अनुसार सर्दियों में जंगलों में आग चौंकाने वाली है। इसके कारणों की जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सोमवार अथवा मंगलवार को वह देहरादून में विभागीय अधिकारियों के साथ इस मसले की समीक्षा करेंगे।
ये उठ रहे सवाल
-कहीं आखेट के लिए तो नहीं लगाई जा रही जंगलों में आग।
-इसके पीछे कहीं, अवैध कटान अथवा दूसरे कृत्य छिपाना तो नहीं कारण।
-कहीं, विभागीय मिलीभगत से तो अंजाम नहीं दिए जा रहे ये कारनामे।
-अगर कोई जंगल में आग लगा रहा तो विभागीय गश्त के दावों का क्या।
-यह भी सवाल कि कहीं उच्च हिमालयी क्षेत्र की सेहत नासाज तो नहीं हो रही।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में आग
13 जनवरी 2018 :-कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर छियालेख से गर्ब्यांग के मध्य धधक रहे बुग्याल।
20 दिसंबर 2017 :- उत्तरकाशी के मुखेम रेंज में धौंतरी के वनों में लगी आग पर बमुश्किल पाया काबू।
11 दिसंबर 2017 :- पिथौरागढ़ के पंचाचूली ग्लेश्यिर की तलहटी में सुलगे थे जंगल।
डब्ल्यूसीसीबी और आइटीबीपी से भी मदद
छियालेख और गर्ब्यांग के बुग्यालों में आग को देखते हुए वन विभाग ने दो टीमें क्षेत्र के लिए रवाना कर दी हैं। इसमें वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) और आइटीबीपी की मदद भी ली जाएगी। सूत्रों की मानें तो विभाग को कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं और वह बड़ी कार्रवाई की तैयारी में जुटा है। चूंकि, यह विषम भूगोल वाला क्षेत्र है, लिहाजा कदम-कदम पर सावधानी जरूरी है। वहीं, विभाग के एक आला अधिकारी ने क्षेत्र में शिकारियों की घुसपैठ की आशंका से इनकार भी नहीं किया।