रोडवेज में आउटसोर्सिंग खत्म, 2968 कर्मियों को विशेष श्रेणी कर्मियों का दर्जा
देहरादून : सूबे में रोडवेज कर्मियों की बेमियादी हड़ताल को रोकने के लिए सरकार ने हड़ताली कर्मियों की प्रमुख मांग मान ली। बुधवार मध्य रात्रि से हड़ताल पर जाने को तैयार कर्मचारियों को देर रात सचिवालय में परिवहन सचिव डी सेंथिल पांड्यिन ने मना लिया। रोडवेज में आउट-सोर्सिंग खत्म कर आउट-सोर्स के 2968 कर्मियों को विशेष श्रेणी कर्मियों का दर्जा दे दिया गया। उक्त सभी कर्मचारी इस साल भर्ती किए गए सभी नए संविदा कर्मियों से वरिष्ठ माने जाएंगे। हालांकि, ये फैसला हाईकोर्ट के आदेश पर निर्भर रहेगा क्योंकि इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई लंबित है। इसके बाद कर्मियों ने हड़ताल 21 अगस्त तक स्थगित कर दी। परिवहन सचिव के साथ वेतन व अन्य मुद्दों पर 21 अगस्त को दोबारा वार्ता होगी।
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के बैनर तले प्रस्तावित हड़ताल और बसों के चक्काजाम को टालने के लिए बुधवार को पूरा दिन रोडवेज मुख्यालय से सचिवालय तक मंथन चलता रहा। सचिव परिवहन डी सेंथिल पांड्यिन के निर्देश पर रोडवेज के प्रबंध निदेशक बृजेश कुमार संत ने कर्मियों को मनाने के लिए रोडवेज मुख्यालय में दोपहर दो बजे वार्ता बुलाई, लेकिन शाम लगभग चार बजे तक चली पहले दौर की वार्ता विफल रही। इसके बाद शाम करीब पांच बजे दूसरे दौर की वार्ता फिर बुलाई गई लेकिन शाम साढ़े छह बजे वार्ता फिर विफल हो गई। वार्ता में निगम प्रबंधन ने आउट सोर्स कर्मचारियों के नियमितीकरण के फार्मूले भी तलाशे मगर बात नहीं बनी। इसके बाद यूनियन के रात करीब आठ बजे सचिवालय में परिवहन सचिव पांड्यिन की अध्यक्षता में वार्ता हुई। यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी के नेतृत्व में हुई तीसरे दौर की वार्ता कर्मचारी अपनी मांग पर अड़े रहे। परिवहन सचिव ने बताया कि कर्मचारियों के नियमितीकरण पर सैद्धांतिक मंजूरी रोडवेज बोर्ड बैठक में पहले ही दी जा चुकी है पर मामला हाईकोर्ट में लंबित होने की वजह से उनके हाथ बंधे हुए हैं।
महामंत्री चौधरी ने कहा कि ये मामला अब विभागीय दायरे से निकलकर राजनीतिक दायरे में पहुंच चुका है। लिहाजा, सरकार को ही अब फैसला लेना पड़ेगा। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य से अफसरों ने मोबाइल पर वार्ता की। इसके बाद नए फार्मूले के तहत विशेष श्रेणी बनाई गई। देर रात तक चली बैठक में रोडवेज की महाप्रबंधक प्रशासन निधि यादव, महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन, वित्त नियंत्रक पंकज तिवारी व यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता विपिन कुमार, मंडलीय मंत्री केपी सिंह, हरीश जोशी व महिपाल सिंह शामिल रहे।
बता दें कि, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन से जुड़े करीब तीन हजार नियमित और आउट सोर्स के चालक, परिचालक व तकनीकी कर्मियों के हड़ताल पर जाने का सबसे ज्यादा असर देहरादून के डीलक्स व ग्रामीण डिपो, ऋषिकेश, रुड़की, रानीखेत, भवाली, अल्मोड़ा, रुद्रपुर, लोहाघाट समेत काठगोदाम एवं हल्द्वानी डिपो पर पडऩे का अंदेशा था।
छुट्टियां कर दी थी रद
बस संचालन ठप पड़ता देखकर परिवहन निगम प्रबंधन ने सभी नियमित चालकों व परिचालकों की छुट्टी बुधवार देर शाम रद कर दीं थी। सभी को गुरुवार को अपने डिपो में डयूटी पर पहुंचने व वैकल्पिक व्यवस्था के आदेश दिए गए थे। वहीं, यूपी रोडवेज ने भी हड़ताल को लेकर अपनी बसें बढ़ा दी थीं।