इटली की युवती का सिर्फ चेहरा देखकर FACEBOOK की दोस्ती पड़ गई भारी
गाजियाबाद । फेसबुक पर इटली की युवती ने दोस्ती के बाद गिफ्ट देने के बहाने क्रॉसिंग रिपब्लिक निवासी शिक्षिका से 10 लाख से अधिक रुपये की ठगी कर ली। पहले उनका पता मांगा और फिर कस्टम अधिकारी बन कॉल कर विदेशी करंसी मंगवाने के नाम पर 10,21000 रुपये अपने खातों में जमा करवा लिए।
पीड़िता के पास जब पैसा खत्म हो गया तो उन्होंने आरोपियों के सभी नंबर ब्लैकलिस्ट कर दिए। बाद में पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है। शिकायत देने विजयनगर थाने पहुंची तो उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। पीड़िता सोमवार को एसएसपी से मिलकर गुहार लगाएंगी।
हिसार (हरियाणा) की रहने वाली ज्योति धमीजा क्रॉसिंग रिपब्लिक की एक सोसायटी में रहती हैं। मार्च 2016 में उनके पति अनुराग की मौत एक सड़क हादसे में हो गई थी। वह महेंद्रा एंड महेंद्रा कंपनी में मैनेजर थे।
ज्योति यहां अपनी साढ़े चार साल की बेटी के साथ रहती हैं और वेस्ट नोएडा के गौर्स इंटरनेशनल स्कूल में प्राइमरी टीचर हैं। इस वर्ष जून में उन्हें इटली की महिला बाइरॉल की फेसबुक रिक्वेस्ट मिली।
युवती समझ कर उन्होंने उससे दोस्ती कर ली और बातचीत करने लगीं। इसी दौरान नंबर भी ले लिया और वॉट्सएप पर एक दूसरे की बातें शेयर करने लगे।
ज्योति ने अपने बारे में बताया तो बाइरॉल ने सहानुभूति जताते हुए उनकी बेटी के लिए ड्रेस और खिलौने भेजने की पेशकश की। पता देने के एक हफ्ते बाद उन्हें एक फोन आया।
फोन करने वाले ने खुद को मुंबई से कस्टम अधिकारी बताया और कहा कि इटली से आए गिफ्ट में 42 हजार यूरो हैं, जो कि कस्टम रूल्स का उल्लंघन है। इसके लिए फाइन के रूप में 86 हजार रुपये जमा करा लिए। इसके बाद इटली का नंबर बंद हो गया।
सताने लगा बेटी का डर
ज्योति ने बताया कि फोन करने वाले उन्हें कई तरह की धमकी देने लगे थे, जिसके बाद उन्हें अपनी बेटी के लिए डर लगने लगा। इसी तरह एक-एक कर उन्होंने 18 बार में 1021000 रुपये करीब एक दर्जन खातों में जमा करा दिए।
उन्होंने पति के हेल्थ इंश्योरेंस की क्लेम में मिले साढ़े सात लाख रुपये की कराई गई एफडी तोड़ दी और बेटी के खाते में जमा डेढ़ लाख रुपये भी दे दिए।
सितंबर तक ज्योति ने अपनी सारी जमा पूंजी ठगों के खातों में जमा करा सभी नंबर ब्लैक लिस्ट कर दिए। इसके बाद अनब्लॉक कर नंबरों पर काल की तो नंबर बंद मिले, जिसके बाद उन्हें ठगी का एहसास हुआ।
‘नहीं पकड़े जाते ऐसे बदमाश’
पीड़िता ने 29 अक्टूबर को परिवार को जानकारी दी और 31 को विजयनगर थाने पहुंची। आरोप है कि एसएचओ नरेश कुमार सिंह ने दो घंटे उन्हें इंतजार कराया। इसके बाद उनकी बात पूरी सुने बिना ही कह दिया कि ऐसे मामले रोज आते हैं, लेकिन ऐसे बदमाश नहीं पकड़े जाते।
हालांकि थाना प्रभारी ने आरोपों से इन्कार किया है। वहीं सीओ प्रथम मनीषा सिंह का कहना है कि ऐसा बयान देना गलत है। मामला कोई भी हो उसे दर्ज कर जांच करना पुलिस का काम है। उन्होंने कहा कि महिला की शिकायत दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी कराई जाएगी।
News Source: jagran.com