चारधाम से लेकर कई प्रमुख मंदिरों के कपाट बंद, संगम में लोगों ने लगाई डुबकी
नई दिल्ली । आज साल का आखिरी सूर्यग्रहण है। दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच सूर्य ग्रहण का ऐसा संयोग कई वर्षो बाद पड़ रहा है। ये उत्तर प्रदेश समेत कई हिस्सों में भी देखने को मिलेगा। शाम 4:49 बजे से 6:02 बजे तक सूर्यग्रहण रहेगा। इससे 12 घंटे पूर्व यानि सोमवार रात 3:13 बजे से सूतक काल शुरू हो गया है।सूतक लगने के साथ गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से ध्यान रखें। सूतक काल से लेकर ग्रहण पूरा होने तक घर से न निकलें। सूतक काल से ग्रहण काल समाप्त होने तक गर्भवती स्त्रियां किसी भी प्रकार की नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल न करें। सूतक काल में घर के मंदिर में भी पूजा पाठ न करें। इसके स्थान पर मानसिक जाप करना फलदायी रहेगा।श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि श्रीकाशी विद्वत परिषद सेविचार विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है कि 25 अक्तूबर को 3:30 बजे से 26 अक्तूबर को सूर्योदय (06:02 बजे) तक बाबा विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह सहित परिसर स्थित सभी मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। ऐसे में सूर्योदय के बाद ही मंदिर के कपाट खुलेंगे।सूर्यग्रहण कारण श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के कपाट आज दोपहर में साढ़े तीन बजे बंद हो जाएगा। बुधवार को सूर्योदय के बाद ही आम श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा। वहीं अन्नपूर्णा मंदिर, संकट मोचन, दुर्गा मंदिर सहित कई अन्य प्रमुख मंदिरों में दर्शन पूजन आज शाम सूर्यग्रहण के मोक्ष के बाद ही दर्शन-पूजन आरंभ हो जाएंगे।ग्रहण काल के दौरान उत्तराखंड के मंदिरों और चार धामों में दर्शन, पूजन, आरती नहीं होगी। 19 नवंबर को बदरीनाथ, 27 अक्तूबर को केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हो रहे हैं। 26 अक्तूबर को गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे। अब तक चारधामों में 44 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। भारत में खंडग्रास ग्रहण की व्याप्ति अपराह्न 4.15 से 6.15 बजे तक रहेगी। जबकि हरिद्वार में सूर्य ग्रहण 4:26 बजे से 5:28 तक रहेगा। नारायण ज्योतिष संस्थान के आचार्य विकास जोशी ने बताया कि सूर्य ग्रहण का भारत के अधिकांश नगरों में प्रभाव रहेगा।
27 साल बाद दिवाली पर सूर्य ग्रहण
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दिवाली मनाई जाती है। इस साल अमावस्या तिथि पर साल का दूसरा व आखिरी सूर्यग्रहण लग रहा है। हालांकि यह सूर्यग्रहण अमावस्या तिथि के समाप्त होने पर लग रहा है। दिवाली पर सूर्यग्रहण का ऐसा संयोग करीब 27 साल पहले 1995 में बना था। सूर्य ग्रहण के समय सूर्य के साथ चंद्रमा, शुक्र और केतु रहेंगे। इन ग्रहों पर राहु की सीधी नजर रहेगी।