होमस्टे योजना को दूरस्थ क्षेत्रों में आमजन तक पहुंचाने पर फोकस
देहरादून,। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री की घोषणाओ के तहत पर्यटन, सिंचाई, पेयजल एवं लोक निर्माण विभाग के कार्यों की जनपदवार समीक्षा की। राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के मुद्दे को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए चिन्हित सड़क दुर्घटना संभावित क्षेत्रों (ब्लैक स्पॉटस) के मरम्मत व क्र्रश बैरियर लगाने के कार्य सर्वाच्च प्राथमिकता के साथ जल्द से जल्द पूरा किया जाय। उन्होने दुर्घटना संभावित क्षेत्रों(ब्लैक स्पॉटस) के मरम्मत व क्रेश बैरियर लगाने आदि के लिए राज्य बजट से समुचित धनराशि आरक्षित करने की बात कही। इसके साथ ही पुलो के निर्माण के लिए 4 हजार करोड़ की ईएपी बनाने की बात कही। मा0 मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं के लोक निर्माण विभाग के कार्यो की प्रगति की समीक्षा के तहत सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा बताया गया कि विभाग की कुल 488 घोषणाओं में से 348 घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं। शेष में 138 घोषणाएं आगामी दिसम्बर तक पूरी कर ली जाएगी। विभाग द्वारा मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्यवाही के निर्देश देते हुए सभी जिलाधिकारियों को कहा कि लोक निर्माण विभाग के तहत सभी परियोजनाओं के वन तथा भूमि से सम्बन्धित क्लिरेन्स के कार्य जनपद स्तर पर पूरे करते हुए 15 दिन के भीतर रिर्पोट शासन के समक्ष प्रस्तुत की जाय। देहरादून में मन्नूगंज के नाले को अव्यवस्थित रूप से कवर करने को लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियो पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिए कि नालों के मेंन्टेन्स हेतु मास्टर प्लान के तहत अनुभवी संस्थाओ व विशेषज्ञो की मदद ली जाय। मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग को ड्रेनेज सिस्टम के निर्माण, रख-रखाव व अनुश्रवण कार्या हेतु मुख्य कार्यकारी संस्था बनाये जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी की सिंचाई विभाग से सम्बन्धित कुल 76 घोषणाओं में से 30 पूरी कर ली गई है। 18 घोषणाओं की डीपीआर तैयार हो गई है। 20 घोषणाओं की डीपाआर पर कार्य गतिमान है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सम्बन्धित अधिकारियों को बिना देरी के शेष 20 घोषणाओं के डीपीआर 15 अगस्त से पूर्व प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने नदियों के सरंक्षण तथा छोटे-छोटे चैक डैम, जलाशयों के निर्माण की कार्ययोजना पर गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि विधानसभा भरारीसैंण में ग्रेविटी बेस्ड पानी की आपूर्ति हेतु कार्ययोजना बनाई जाय। भविष्य में गैरसैंण में ग्रेविटी बेस्ड जल आपूर्ति की सुनिश्चित किया जा सके, इसके लिए अभी से प्रयास आरम्भ करने होंगे। बैठक के दौरान सौंग बांध के निर्माण की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि सौंग बांध निर्माण को निरन्तर 350 कार्यरत दिनो (वर्किंग डेज) में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बांध से सम्बन्धित जियो सर्वे पूरा हो गया है। 148 मीटर ऊंचा यह बांध, जिसका सबमर्ज एरिया 76 हेक्टेयेर होगा तथा इससे 4 किमी0 झील का निर्माण होगा। सौंग बांध रगड़गांव से हल्दवाड़ी तक ग्रेविटी बेस्ड पानी आपूर्ति करेगा। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने देहरादून में घराट हब विकसित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि 20 से 25 घराट विकसित किए जा सकते है जो पर्यटन के नए आकर्षण के साथ ही पारम्परिकता के संरक्षण का कार्य भी करेंगे।
बैठक में पेयजल विभाग के अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री जी की विभाग से सम्बन्धित की 70 प्रतिशत घोषणाएं इस वर्ष पूरी हो जाएगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने जिलाधिकारियो से कहा कि जल संरक्षण हेतु छोटे चैक डैम, जलाशय, पुराने जल स्रोतो को रिचार्ज करने हेतु जिलास्तर पर विस्तृत सर्वे करवाए जाए। मुख्यमंत्री ने सचिव पेयजल को राज्य में पाइपलाइन द्वारा सिंचाई व ड्रिप सिंचाई पद्धति को प्रोत्साहित करने हेतु कार्ययोजना बनाने के लिए एक बैठक शीघ्र आयोजित करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि देशभर में कृषि के क्षेत्र में हो रही बेस्ट प्रैक्टिसिज की जानकारी लेने हेतु राज्य के प्रगतिशील किसानो के लिए भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किए जाए।