दिल्ली: स्कूल में मासूम के साथ दरिंदगी, और खिलौनों से दूर हो गई ‘गुड़िया’
नई दिल्ली । पांच साल की उम्र में बच्चियों का शौक गुड़ियों व खिलौनों से खेलने का रहता है। दो दिन पहले तक गांधीनगर की ये गुड़िया (दुष्कर्म पीड़िता का काल्पनिक नाम) भी इन गुड्डे-गुड़ियों से खूब खेलती थी। स्कूल से आते ही सबसे पहले उसकी निगाह अपने खिलौनों पर ही जाती थी, लेकिन शनिवार को हालात बदले हुए थे। स्कूल में चपरासी की दरिंदगी का शिकार हुई गुड़िया मौन थी और दीवार पर टंगी उसकी सहेली गुड़िया सन्न। ऐसा लग रहा था जैसे वह कह रही हो कि हैवान ने एक ही बार में दोनों की हंसी छीन ली।
शनिवार रात एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराई गई गुड़िया को रविवार तड़के अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। सुबह पांच बजे वह माता-पिता के साथ घर पहुंच गई। पिता ने बताया कि घटना के बाद से वह बुरी तरह सहम गई है। वह अब स्कूल जाने के नाम से ही कांप जाती है। वह कह रही है कि टोपी वाले अंकल गंदे हैं। वह अब स्कूल नहीं जाएगी।
मां ने बताया कि रोजाना की तरह शनिवार को पिता ही उसे स्कूल छोड़ आए थे। स्कूल में पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए अतिरिक्त कक्षा लगाई जाती थी। शनिवार को इसी अतिरिक्त कक्षा के लिए बच्ची को स्कूल में रुकना पड़ा। दोपहर एक बजे तक कुछ ही बच्चे स्कूल में ठहरते थे। आरोपी विकास ने इसी का फायदा उठाया और वारदात को अंजाम दे दिया।
आरोपी ने दी थी धमकी
पुलिस को पता चला है कि दुष्कर्म के दौरान खून बहने से मासूम के कपड़े सन गए तो आरोपी ने ही उन्हें पोछा था। आरोपी ने धमकी दी थी कि अगर किसी को बताया तो वह दोबारा ऐसा ही करेगा। इससे बच्ची सहम गई थी। यही वजह है कि घर आकर भी उसने कोई बात नहीं बताई। यहां तक कि स्कूल ड्रेस बदलने के बाद दूसरे कपड़े में भी खून लगा तो वह खुद ही बाथरूम में जाकर उसे साफ करने लगी। उसकी मां ने देखा तो पूछताछ की। इस पर बच्ची ने पूरी बात बता दी।
पुलिस की सफाई, कार से अस्पताल गई थी बच्ची
बच्ची के परिजनों ने आरोप लगाया था कि चाचा नेहरू अस्पताल से बच्ची को मोटरसाइकिल से एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया था। पुलिस ने रविवार को इसका खंडन किया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बच्ची को उसके ही एक रिश्तेदार अपनी कार से एलएनजेपी अस्पताल ले गए थे।
पुलिस उपायुक्त नूपुर प्रसाद ने बताया कि रात नौ बजे पुलिस को चाचा नेहरू अस्पताल से सूचना मिली थी। पुलिस ने बयान दर्ज करने के बाद तुरंत आरोपी की तलाश शुरू कर दी। एसीपी विक्रम हरिमोहन के नेतृत्व में थाना प्रभारी विनय मलिक की टीम आरोपी को तलाश करते हुए उस्मानपुर पहुंची। दो घंटे के भीतर पुलिस ने आरोपी को उस्मानपुर में एक परिचित के घर से आरोपी को दबोच लिया।
फोरेंसिक टीम ने जुटाए साक्ष्य
दिल्ली पुलिस इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है। बड़े अधिकारी खुद मामले पर नजर रखे हुए हैं। रविवार को क्राइम और फोरेंसिक टीम ने स्कूल से साक्ष्य जुटाए। मासूम के कपड़ों को भी कब्जे में ले लिया गया है। इन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस ने स्कूल के अंदर घटना का नाट्य रूपांतरण (रिक्रिएशन) भी किया।