बौना रोग से खराब 125 बीघा खड़ी फसल को किसान ने ट्रैक्टर से जोत डाला

ऋषिकेश, । छिद्दरवाला में बौना रोग से खराब 125 बीघा खड़ी फसल को किसान ने ट्रैक्टर से जोत दिया। किसान का आरोप है फसल पर रोग लगने के बाद कृषि विभाग ने कोई जानकारी या मदद नहीं दी। वहीं अब आसपास के क्षेत्रों में फसल खराब होने के कारण किसानों को भी मेहनत और लागत दोनों ही बेकार होती नजर आ रही है। ऋषिकेश के श्यामपुर, गौहरी माफी और छिद्दरवाला क्षेत्र में धान की फसल बौना रोग की चपेट में है। कई किसानों की 50 से 70 फीसदी फसल खराब हो चुकी है। किसानों खराब फसलों को ट्रैक्टर से जोत रहे हैं। छिद्दरवाला में किसान सतनाम ने 125 बीघा धान की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर नष्ट किया। सतनाम का कहना है कि 70 फीसदी फसल बौना रोग के कारण खराब हो गई थी। सतनाम ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से फसल रोग और उसके निराकरण के लिए सहायता नहीं मिली। सतनाम ने कृषि विभाग और सरकार से नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे की मांग की है। यह बीमारी एक वायरस फीजीवायरस) की वजह से हुई है। इसे सदर्न राइस ब्लैक-स्ट्रीक्ड ड्वार्फ वायरसः (एसआरबीएसडीवी) भी कहते हैं। यह वायरस व्हाइट-ब्लैक प्लांट हॉपर यानि फुदका कीट से बीमार पौधों से स्वस्थ पौधों में प्रसारित होता है। जब यह कीट बीमार पौधों के ऊपर बैठकर उसका रस चूसता है और इसके साथ ही उसका वायरस भी दूसरों पौधों को संक्रमित कर देता है। इसके लक्षणों में बौने पौधों में कल्ले नहीं फूटते हैं और वृद्धि रुक जाती है। पौधे आकार में छोटे हैं, उनकी वृद्धि नहीं हुई है साथ के पौधे बड़े हो जाते हैं। पौधों का रंग गहरे हरे रंग के हैं। पौधों को उखाड़ते हैं तो ये बड़ी आसानी से उखड़ जाते हैं। जड़ों में कालापन आ जाता है।

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