बच्चियों के लिए सेफ जोन बना ‘डेंजर जोन’
फरीदाबाद | परिवार और पड़ोस को बच्चों के लिए सेफ जोन माना जाता है, यानि ऐसी जगह जहां वे हर तरह से सुरक्षित महसूस करें। लेकिन पिछले दिनों सामने आए मामले यह साबित कर रहे हैं कि सेफ जोन में बच्चियों के लिए सबसे ज्यादा डेंजर है। आस पड़ोस में रहने वाले ऐसे लोग जिन्हें बच्चियां भैया, अंकल या चाचा पुकारती हैं, वे ही मौका देखकर उनका शोषण कर रहे हैं।
ताजा मामला डबुआ कॉलोनी का है। कचौड़ी की रेहड़ी लगाने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि उसकी 12 वर्षीय बेटी पिछले कुछ समय से गुमसुम थी। बच्ची से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि पड़ोस में रहने वाले पवन अंकल ने 18 सितंबर को उसे अपने बाथरूम में खींच लिया था। उसने बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश की। आरोपी ने एक सप्ताह में तीन बार यह हरकत की थी। महिला थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
एक अन्य मामले में रविवार 24 सितंबर को सारन क्षेत्र में पड़ोसी किराएदार ने छह साल की बच्ची से दुष्कर्म का प्रयास किया था। उस समय बच्ची के माता-पिता बाहर गए हुए थे।
अन्य मामलों पर एक नजर
17 अगस्त: एनआइटी स्थित एक धार्मिक स्थल में जन्माष्टमी उत्सव के दौरान एक युवक छह साल की बच्ची को अपने साथ ले गया था और उसके साथ दुष्कर्म की कोशिश की थी।
1 जुलाई: मुजेसर क्षेत्र में पड़ोसी युवक अपने घर खेल रही पांच साल की बच्ची को उठाकर अपने घर ले गया और दुष्कर्म किया। आरोपी तेज लांबा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
16 मई: गांव तिलपत में चौथी कक्षा की नौ वर्षीय छात्रा को स्कूल के पास रहने वाला एक युवक बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया था। उसने बच्ची को सुनसान जगह ले जाकर दुष्कर्म किया।
31 मार्च: राजीव कॉलोनी में रात के समय मां बच्चों को घर पर सोते हुए छोड़कर जागरण में चली गई थी। पीछे से पड़ोस में रहने वाला विनाद उनके घर में घुस गया और सात साल की बच्ची से दुष्कर्म किया। मां के वापस आने पर बच्ची ने उसे सारी बात बताई।
26 फरवरी: पड़ोसी के घर के आंगन में गिरे कपड़े लेने के लिए गई पांच साल की बच्ची को 22 साल के युवक ने पकड़ लिया और कमरे में ले जाकर दुष्कर्म की कोशिश की थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
7 फरवरी: भूपानी क्षेत्र में शराब के नशे में घर के बाहर खेल रही सात साल की बच्ची को पड़ोसी युवक ने उठा लिया था। इसके बाद उसे घर से दूर ले जाकर छेड़छाड़ की। बच्ची ने परिवार वालों को सारी बातें बता दी थीं, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को शिकायत दी।
1 जनवरी: भूपानी क्षेत्र में पड़ोस में रहने वाला 35 वर्षीय शख्स पांच साल की बच्ची को बहला फुसलाकर खेत में ले गया और बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद उसने बच्ची की हत्या कर दी थी।
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गौर करने लायक बातें
– ज्यादातर मामलों में छह से 12 साल की उम्र की बच्चियों को शिकार बनाया गया है। इस उम्र में बच्चों को बहुत अधिक समझ नहीं होती और वे बहकावे में आ जाते हैं। इस उम्र के बच्चों पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
– अधिकतर मामलों में ऐसे पड़ोसी संलिप्त हैं, जिन पर बच्चों के माता-पिता काफी भरोसा करते थे। ऐसे में किसी पर भी आंख मूंदकर भरोसा करना ठीक नहीं है।
– पोक्सो एक्ट के तहत इस साल अब तक 60 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। यानि बच्चों के साथ छेड़छाड़ या दुष्कर्म के हर महीने लगभग सात मामले सामने आ रहे हैं।
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बच्चियों के साथ शारीरिक शोषण के मामलों को बेहद गंभीरता से लिया जाता है। यह मामले प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट (पोक्सो) के तहत दर्ज किए जाते हैं। आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाता है। कई मामलों में दोषियों को सजा दिलवा दी गई है। जो अदालत में विचाराधीन हैं, उनमें भी पुलिस की कोशिश रहती है कि दोषी बच ना पाए।
-पूजा डाबला, एसीपी महिला अपराध
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माता-पिता को चाहिए कि वे घर में ऐसा माहौल तैयार करें कि बच्चे किसी भी घटना के बारे में उन्हें बताएं। बच्चों को गुड टच, बैड टच बताने के अलावा किसी भी परिस्थिति से निपटने के बारे में भी समझाएं। पड़ोस पर भरोसा न करें। बच्चों पर लगातार नजर रखें।