कर्नाटक राज्य का क्या अलग झंडा होगा? चुनावी सियासत चरम पर, कैबिनेट के फैसले का इंतजार
बेंगलुरु: कन्नड़ लोगों का सिद्धारमैया सरकार की अगले हफ्ते होने वाली बैठक का इंतज़ार है जिसमें कन्नड़ा और संस्कृति मंत्रालय कर्नाटक के झंडे का परारूप कैबिनेट के सामने रखेगा. राज्य के झंडे के स्वरूप पर कन्नड़ संगठन सहमत नहीं हैं. राज्य सरकार इस झंडे के जरिए आगामी चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है और बीजेपी अपनी “एक राष्ट्र-एक ध्वज” की विचारधारा को लेकर पशोपेश में है.
नौ सदस्यीय समिति ने झंडे में ऊपर पीली बीच में सफ़ेद और नीचे लाल रंग की पट्टी की सिफ़ारिश की है. बीच में सफेद पट्टी पर किवदंतियों से लिए गए गरुड़ पक्षी को जोड़ा गया है.
हालांकि इस डिज़ाइन को लेकर विवाद कन्नड़ा संगठनों के महासंघ ने उठाया है. महासंघ के अध्यक्ष वाटल नागराज ने एनडीटीवी को बताया कि ” अगर प्रस्तावित झंडे से सफ़ेद रंग नही हटाया गया तो हम लोग एक लाख परंपरागत कन्नड़ा झंडा, जो कि हल्दी के रंग और लाल रंग का होगा, लेकर जलूस निकलेंगे.”
अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनावों में कन्नड़ा गौरव के नाम पर लोगों की सहानुभूति बटोरने के लिए उठाए गए अपने इस क़दम को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया किसी भी सूरत में गलत साबित नहीं होने देना चाहते. शायद इसीलिए राज्य के कानून मंत्री टीबी जयचंद्रा ने कहा कि “वाटल नागराज और कुछ दूसरे संगठन इसका विरोध कर रहे हैं, इसलिए सरकार सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर ही अंतिम फैसला लेगी. ”
यानी सरकार झंडे के प्रस्तावित परारूप में बदलाव के लिए तैयार है. लेकिन अपनी “एक राष्ट्र-एक ध्वज” की विचारधारा की वजह से बीजेपी दुविधा में फंसी है. अगर बीजेपी इस झंडे का विरोध करती है तो उसे कन्नड़ा संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ेगा. यानी कांटे की चुनावी टक्कर में वोटों का नुकसान. और अगर समर्थन करती है तो इसे अपनी विचारधारा से समझौता करना माना जाएगा.
यही कारण है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कई बार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के दावेदार बीएस येद्दियुरप्पा को चुनौती दे चुके हैं कि अगर वे झंडे के पक्ष में नहीं हैं तो खुलकर बोलें. बीजेपी विधायक दल के विधानसभा में नेता जगदीश शेट्टार ने काफी संभलकर नपा तुला बयान दिया “मुझे विवाद नहीं चाहिए. पहले सरकार झंडे का डिज़ाइन बताए, साफ करे, कानूनी पहलू समझाए, फिर हम बताएंगे.”
जानकारों के मुताबिक राज्य अपना अलग झंडा रख सकते हैं या नहीं इस पर कानून साफ नहीं है. हालांकि धारा 370 की वजह से जम्मू और कश्मीर को अपना अलग झंडा रखने की इजाज़त संविधान देता है. अगले हफ़्ते होने वाली कैबिनेट की बैठक में कर्नाटक के अपने झंडे का परारूप पेश किया जाएगा.