शीतकाल के दौरान आठ साधु करेंगे बदरीनाथ धाम में तप
चमोली : बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं, लेकिन इस अवधि में भी कई साधु-संत धाम में रहकर ही तप करेंगे। फिलहाल आठ साधुओं समेत 15 लोगों ने शीतकाल के दौरान बदरीनाथ में रहने की अनुमति जिला प्रशासन से ली है। हालांकि, आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ सकती है।
शीतकाल में भारी बर्फबारी के कारण बदरीनाथ धाम के हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ती है। बावजूद इसके कई साधु-संत प्रशासन की अनुमति के बाद इस अवधि में भी तप करने के लिए वहीं डेरा डाले रहते हैं। कई साधु तो खुले आसमान के नीचे बर्फ के बीच रहकर ही तप करते हैं।
एसओ बदरीनाथ दीपक रावत ने बताया कि इस बार शीतकाल में तप करने के लिए आठ साधुओं ने अनुमति ली है। इसके अलावा सात स्थानीय लोग भी हैं, जिन्हें धाम में रहने की अनुमति मिली है। उन्होंने बताया कि अभी अनुमति लेने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
बदरीनाथ धाम में बीते एक दशक से तप करने वाले मौनी बाबा का कहना है कि शीतकाल के दौरान धाम में नि:शब्द शांति रहती है, जिससे तप में विघ्न नहीं पड़ता।
पुलिस ने संभाली मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था चमोली पुलिस के जिम्मे है। पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट ने बताया कि इस अवधि में 15 पुलिसकर्मी मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहेंगे। इनमें दो हेड कांस्टेबल, 12 कांस्टेबल व एक कुक शामिल है। जबकि, देश के अंतिम गांव माणा में आइटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) व सेना के जवान मौजूद हैं।