आधी रात दो बजे चालक ने यात्रियों को बस से उतारा, हुआ हंगामा
देहरादून : रोडवेज में अनुबंधित वातानुकूलित बसों में यात्रियों की परेशानी थमने का नाम नहीं ले रही। बस ऑपरेटर व चालकों के आपसी विवाद में यात्रियों को आए दिन बीच रास्ते मुसीबत झेलनी पड़ रही है। पिछले सप्ताह बुधवार को मनाली जा रही एसी बस के चालक ने शराब के नशे में बस झाझरा के जंगल में रोककर यात्रियों को उतार दिया था।
ताजा मामले में मनाली से आ रही इसी बस के चालक ने शनिवार आधी रात दो बजे यात्रियों को चंडीगढ़ में उतारकर बस देहरादून ले जाने से मना कर दिया और हंगामा किया। यात्रियों को कटरा से आ रही वॉल्वो बस में एडजस्ट कर दून लाया गया।
रोडवेज मुख्यालय ने हर बार की तरह इस मामले में भी बस ऑपरेटर को नोटिस जारी कर कर्तव्य की इतिश्री कर ली, लेकि मगर यात्रियों ने जो मुसीबत झेली और रोडवेज की जो बदनामी हुई, इस पर जवाब देने से अफसर भी बच रहे हैं। पिछले तीन सप्ताह में यह तीसरी घटना है, जिसमें भारी-भरकम यात्रा भाड़ा देने के बावजूद यात्रियों को मुसीबत उठानी पड़ी।
मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्राइवेट ऑपरेटर की एसी बस (यूके07-पीए 3408) शनिवार शाम साढ़े पांच बजे मनाली से दून के लिए निकली। बस रात करीब दो बजे चंडीगढ़ पहुंची तो चालक मनदीप सिंह ने बस आगे ले जाने से मना कर दिया। परिचालक परमजीत व यात्रियों ने उसकी मान-मनौव्वल की, मगर वह नहीं माना। उसका कहना था कि बस ऑपरेटर ने तीन माह से उसका वेतन नहीं दिया है। यात्री करीब दो घंटे वहीं खड़े रहे और परिचालक ने आला अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद कटरा से आने वाली वॉल्वो में यात्रियों को लाने की व्यवस्था की गई।
इस माह हुई घटनाएं
-23 जुलाई: मनाली से आ रही एसी बस के चालक ने सवारियों को चंडीगढ़ में ही उतार दिया।
-21 जुलाई: दिल्ली जा रही एसी बस को वाया मेरठ जाना था, लेकिन यह बस इस रूट को छोड़कर विवादित मार्ग झबरेड़ा से जाते हुए पकड़ी गई। यात्रियों ने बताया कि उन्होंने विरोध भी किया, लेकिन चालक ने उनकी बात नहीं मानी।
-19 जुलाई: बस (यूके07-पीए 3408) शाम छह बजे 35 सवारी लेकर मनाली जा रही थी। इसी बीच यात्रियों को पता चला कि चालक ने शराब पी हुई है। यात्रियों ने प्रेमनगर में बस रुकवानी चाही तो चालक नहीं माना और बस झाझरा के जंगल में ले जाकर खड़ी कर दी। चालक दोबारा शराब पीकर बस के बोनट पर लेट गया। रात में सुनसान जंगल में यात्री करीब दो घंटे तक परेशान खड़े रहे।
-तीन जुलाई: अमृतसर से बस (यूके07- पीए-3414) को दून के लिए सुबह नौ बजे चलना था, लेकिन नशे में धुत चालक ने बस ले जाने से मना कर दिया। बस 12 घंटे अमृतसर में खड़ी रही, जबकि टिकटें ऑनलाइन बुकिंग की थीं। हंगामे के बाद परिचालक ने किराया लौटाया और दूसरे चालक से बस दून मंगाई गई।
अनुबंधित बसों का बुरा हाल
परिवहन निगम में अनुबंधित बसों का बुरा हाल है। सुविधाओं के नाम पर एसी व वॉल्वो बसों में सीटें टूटी हुई हैं। पर्दे गंदे व फटे हुए हैं तो सीटों के पुशबैक काम नहीं करते। जिस ट्रांसपोर्टर की बस में यह हंगामा हुआ, उसके विरुद्ध लगातार शिकायतें हैं। उसकी 10 बसें अनुबंध पर चल रही हैं। बीते साल आगरा जाने वाली उसकी बस में चालक शराब पीकर सो रहा था और अनाड़ी चालक बस चला रहा था। मोहंड से बस वापस लानी पड़ी और चालक के विरुद्ध पुलिस में शिकायत हुई।
परिवहन मंत्री करें हस्तक्षेप
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी ने मामले में परिवहन मंत्री को पत्र भेजकर हस्तक्षेप करने की मांग की है। चौधरी के अनुसार आरोपी बस ऑपरेटर भाजपा नेता है व इसी दबाव में निगम प्रबंधन उसे हर बार सिर्फ नोटिस भेजकर मामला शांत कर देता है। यूनियन ने विवादित अनुबंधित बसों को बस बेड़े से हटाने की मांग की है।
महाप्रबंधक (संचालन) दीपक जैन का कहना है कि इसी एक ऑपरेटर की बसों में सबसे ज्यादा परेशानी आ रही। संबंधित ऑपरेटर को अनुबंध खत्म करने का नोटिस भेजा गया है।