डेढ़ वर्ष में स्पाईन व मस्तिष्क के 100 सफल ऑपरेशन कर चुके हैं डॉ. अंकुर कपूर
न्यूरो सर्जन डा. कपूर कैलाश अस्पताल में रहकर कर चुके हैं ये आपरेशन
- गुजरात स्पाईन हॉस्पिटल, पीजीआई चंडीगढ़, देहरादून स्थित मैक्स अस्पताल के बाद अब दे रहे हैं कैलाश अस्पताल में न्यूरो सर्जन डा. अंकुर कपूर अपनी सेवाएं
देहरादून। चिकित्सा के क्षेत्रा में मशहूर न्यूरो सर्जन डा. अंकुर कपूर ने पिछले मात्र डेढ वर्ष के दौरान अपनी सेवाएं कैलाश अस्पताल में देते हुए मस्तिष्क तथा स्पाईन के एक सौ ऑपरेशन सफलतापूर्वक किये है। यही कारण है कि उनका नाम चिकित्सा के निजी क्षेत्रा में बडे सम्मान व आदर के रूप में लिया जा रहा है। न्यूरो सर्जन डॉ. कपूर कैलाश अस्पताल से पहले पीजीआई चंडीगढ में अपने सात वर्ष इसी क्षेत्रा में जहां दे चुके है, वही वे गुजरात प्रदेश में भी गुजरात स्पाईन हॉस्पिटल में सैकड़ो, हजारों रोगियों के सफलतम उपचार एवं उनके ऑपरेशन कर चुके है। शरीर में विभिन्न नसों के दबने के कारण रीड़ की हड्डी का खिसक जाना सिलिप डिस्क कमर एवं पांव के दर्द का माईक्रस्कोप ; मशीन द्ध द्वारा इलाज किया जाता है मरीजों को होने वाली बीमारी अथवा तकलीपफ को दूर करने में माहिर माने जाने वाले न्यूरों सर्जन डॉ. अंकुर कपूर ने कापफी आपरेशन वाले केस में कामयाबी प्राप्त की है। रीढ़ की हड्डी में दर्द होने के अनेक कारणों के भी कई सफल इलाज वे कर चुके है , जो कि मरीज की उम्र के हिसाब से सामने आते रहते हैं। अपने जीवन में चिकित्सा के क्षेत्रा में वे अब तक करीब चौदह सौ कामयाब ऑपरेशन कर चुके हैं। एक मुलाकात में वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा. अंकुर कपूर ने कहा है कि ब्रेन टयूमर के आप्रेशन में जोखिम होता है जैसे हाथ पॉव का कमजोर हो जाना मुॅह का टेढ़ा हो जाना माईक्रस्कोप की सहायता से ये जटिल आपरेशन सफलतापूर्वक किये जा रहे है। ट्रास्फोरमिनल ब्लाक यानि कमर में एक्सरे की मशीन में देखते हुए मरीज को इंजेक्शन लगाना भी काफी लाभदायक होता है और कई बार ये तकनीक बड़े आपरेशन से बचाने मे सहायता करता है उन्होने हमेशा से ही अपना आदर्श और कर्तव्य मरीजों की सेवा करने में व्यतीत किया है। उन्होने कहा कि गुजरात स्पाईन हॉस्पिटल, पीजीआई चंडीगढ़, देहरादून स्थित मैक्स हॉस्पिटल के बाद अब वे पिछले करीब डेढ वर्ष से स्थानीय हरिद्वार रोड़ स्थित कैलाश अस्पताल में बतौर न्यूरो सर्जन अपनी सेवाएं दे रहे है। डा. कपूर कहते है कि मस्तिष्क में चोट लगने, स्पाईन सम्बंध्ी रोग होने, लकवा, ब्रेन हैमरेज, सर्वाईकल, नसो का दबना इत्यादि ऐसे रोग आज आम होते जा रहे है। इन सभी का सपफल इलाज व आपरेशन वे करते आ रहे है। एक गम्भीर रोग का हवाला देते हुए उन्होने बताया कि कुछ समय पूर्व एक मरीज कैलाश अस्पताल में आया था जिसके शरीर का वजन 104 किलोग्राम था। सुभाषचन्द्र नाम के इस 69 वर्षीय मरीज का बीपी, शुगर काफी बढ़ने के साथ ही बढ़ती उम्र के साथ – साथ नसो की समस्या बेहद गम्भीर बन चुकी थी और मरीज का इलाज करना कठिन हो रहा था लेकिन उन्होने स्वंय इस केस को लेते हुए उपचार शुरू कर दिया था, इस तरह से मरीज पूरी तरह से स्वस्थ व सन्तुष्ट होकर अपने घर पहुंचा। उन्होने अब तक 1400 गम्भीर रोगियों के इलाज/अॅापरेशन किये हैं ।