मिसाल: मोहर्रम पर मातमी जुलूस में लहू बहाने की बजाय किया रक्तदान

विकासनगर : पूरे देश में मोहर्रम पर मातमी जुलूस में शिया समुदाय की ओर से रक्त बहाया जाता है। विकासनगर तहसील के अंबाड़ी में शिया समुदाय ने लहू को बहाने की बजाय रक्तदान को महत्व देकर मिसाल कायम की।

रविवार को अंबाड़ी में शिया समुदाय के युवाओं ने रक्तदान शिविर शुरू किया। करीब 30 युवाओं ने रक्तदान  किया। अंबाड़ी समुदाय का कहना है कि दान किए गए रक्त से तमाम जिंदगी बचायी जा सकती है। कहा हजरत इमाम हुसैन अलेहस्लाम ने मानवता को बचाने को कुर्बानी दी। हम उनकी याद में रक्तदान कर मानवता को बचाने की छोटी सी कोशिश कर रहे हैं।

मोहर्रम पर अंबाड़ी में सदरे अंजुमने हैदरी अंबाड़ी व बल्ती यूथ फेडरेशन की ओर से लगाए गए रक्तदान शिविर में करीब 30 लोग रक्तदान किया। मोहर्रम पर इस तरह की शुरूआत वैसे तो पिछले दो साल पहले से ही हो गयी थी, लेकिन इस बार मोहर्रम पर रविवार को युवाओं में रक्तदान के प्रति उत्साह रहा।

अंजुमन से जुड़े फिरोज खान का कहना था कि हजरत इमाम हुसैन साहब ने मानवता को बचाने के लिए बड़ी कुर्बानी दी, जबकि रक्तदान के रूप में उनकी मानवता को बचाने के लिए छोटी कोशिश है। इसके पीछे उददेश्य यह है कि दिए गए रक्तदान से जिंदगियां बच सकें। किसी जरूरतमंद के लहू काम आ सके और मानवता की रक्षा हो सके।

News Source: jagran.com

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