उत्तराखण्ड की 1.50 लाख महिलाओं को लखपति बनाएगी धामी सरकार,भारत सरकार ने 2023 में शुरू की थी योजना
देहरादून, । सीएम धामी एक ओर जहां नए साल में उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं, वहीं महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी मजबूती से बढ़ रहे हैं। सीएम धामी का कहना है कि इस नए साल में डेढ़ लाख से ज्यादा महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जाएगा। अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर किसे गए पोस्ट में सीएम धामी ने लिखा है कि-महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए, हमारी सरकार ने वर्ष 2025 में 1.50 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है। यह कदम जहां एक ओर महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान देगा, वहीं दूसरी ओर समाज में समान अवसर और अधिकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी सहायक सिद्ध होगा।
महिलाओं की सामाजिक स्थिति को सशक्त बनाने और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने अगस्त 2023 में लखपति दीदी योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य भारत की महिलाओं को आर्थिक तौर पर स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाना है। राज्य सरकारें भी इसे लागू कर रही हैं। इस योजना की खास बात ये है कि इसका लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलता है, जो स्वयं सहायता समूह की सदस्य हों। स्वयं सहायता समूह इस योजना का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो ग्रामीण और शहरी महिलाओं का समूह बनाकर उन्हें सामाजिक और आर्थिक तौर पर मदद करते हैं।
आज तक आपने ऊनी धागों से स्वेटर बनते हुए देखे होंगे। नैनीताल जिले में पहली बार महिलाएं ऊन से स्वेटर नहीं, बल्कि तरह तरह के टॉयज के साथ ही भगवान बनाकर सरकार की लखपति दीदी योजना के तहत स्वरोजगार से जुड़ गई हैं। इन महिला समूहों के बनाये हुए ऊनी खिलौनों को कॉर्बेट पार्क आने वाले पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोग भी काफी पसंद कर रहे हैं।
उत्तराखंड में महिलाओं में एक से बढ़कर एक हुनर देखने को मिलते हैं। अक्सर महिलाओं को आपने ऊनी धागों से स्वेटर, मफलर बनाते देखा है। आज हम आपको नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र की ऐसी महिलाओं से मिला रहे हैं, जो पारंपरिक बुनाई से अलग अपने इस हुनर से और भी आधुनिक चीजों को बना रही हैं। रामनगर की रहने वाले महिलाएं अब प्रधानमंत्री लखपति दीदी योजना के तहत समूह से जुड़कर ऊनी धागों से क्रोशिए, मशीन और हाथों की मदद से बच्चों के खिलौने बनाने का काम कर रही हैं। इन खिलौनों को बाजार में लोगों द्वारा भी बेहद पसंद किया जाने लगा है। राष्ट्रीय ग्रामीण योजना मिशन के तहत सोवेनियर दुकान चलाने वाली संचालिका भावना मेहरा कहती हैं कि हमारे महिला समूह की महिलाओं द्वारा टॉयज को क्रोशिया, बुनाई मशीन और हाथों से तैयार किया जा रहा है। हम ऊन से पिकाचु, मारियो, पजल, जोकर, मिस्टर बीन बना रहे हैं तो गणेश जी, राम जी और कृष्ण भगवान जी आदि के ऊनी टॉयज भी तैयार कर रहे हैं।