पत्रकारिता दिवस पर देवभूमि पत्रकार यूनियन का कार्यक्रम सम्पन्न
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(स्वामी मार्तण्डपुरी सहित विभिन्न क्षेत्रों की दर्जनों शख्सियत सम्मानित)
देहरादून। देवभूमि पत्रकार यूनियन एवं देवभूमि जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में पत्रकारिता दिवस पर अभिनन्दन समारोह और विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें जाने माने वरिष्ठ पत्रकार हामंडलेश्वर स्वामी मार्तण्डपुरी महाराज (माधवकान्त मिश्र) सहित विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य के लिए दर्जनों विभूतियों को शाॅल ओढ़ाकर वस्मृृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र भेंट करके सम्मानित किया गया।नगर निगम सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारम्भ महामंडलेश्वर स्वामी मार्तण्डपुरी महाराज और अन्य अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। समारोह में आयोजकों की ओर से वरिष्ठ पत्रकार महामंडलेश्वर स्वामी र्तण्डपुरी महाराज (माधवकांतमिश्र) को समग्र जीवन सम्मान यानि लाईफटाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। उनके अलावा आइसीएसई बोर्ड की इण्टरमीडिएट की परीक्षा में उत्कृृष्ट प्रदर्शन करने वाली ( 98.05 प्रतिशत अंक) अग्रिमा निधि शर्मा, पत्रकारिता में वयोवृृद्ध पत्रकार ओमप्रकाश आहुजा, अजय कम्बोज, अशोक खन्ना, अनिल वर्मा, डाॅ. चन्द्र सिंह तोमर ‘मयंक‘, शाक्त ध्यानी, रमेश चन्द्र छबीला, श्याम सिंह श्याम, प्रेमलता भरतरी, श्रीमती विनोद उनियाल, डा. आर.के. वर्मा, पं. रामेश्वर दत्त शर्मा, साहित्य में हेमचन्द्र सकलानी, तथा शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय का कार्य के लिए शिक्षाविद् डाॅ. धनंजय जी को शाॅल ओढ़ाकर तथा स्मृृति चिन्ह व प्रशस्तिपत्र देकर समानित किया गया।
इस अवसर पर पत्रकारिताः अतीत से वर्तमान विषय पर विचार गोष्ठी भी की गयी जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये। मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार डाॅ एम.आर. सकलानी ने कहा कि अतीत से लेकर वर्तमान तक पत्रकारिता का स्वरूप लगातार बदलता रहा है और भविष्य में भी बदलेगा लेकिन एक पत्रकार की भूमिका वही है, इसलिए पत्रकार के रूप में हमें अपनी भूमिका को पूरी ईमानदारी और सजगता से निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाचारों की भाषा शैली शुद्ध और सरल होनी चाहिए। विश्व संवाद केंद्र के निदेशक विजय जी ने अपने विचारों से ज्ञानवर्धन किया और कहा कि भाषा बहता नीर है। जनता व शासन और प्रशासन के बीच की कड़ी है पत्रकारिता! विचार और समाचारों का घालमेल नहीं होना चाहिए!विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार महामंडलेश्वर स्वामी मार्तण्डपुरी महाराज (माधवकान्त मिश्र) ने कहा कि पिछले कुछ अरसे से देखा जा रहा है कि पत्रकारिता अपने उद्देश्य से विमुख होती जा रही। लोकतंत्र के अन्य स्तम्भ अपने दायित्वों से दूर होते जा रहे हैं लेकिन पत्रकारिता के बारे में यह स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का कार्य सिर्फ सूचना देना ही नहीं है बल्कि पाठकों की किसी विषय पर मन और आत्मा की भूख को शान्त करना भी है। उन्होंने कहा कि आज समाज के सभी अंगों में क्रांतिकारी लोगों का आना जरूरी है। उन्हांेने कहा की भारतवर्ष देश नहीं संदेश है।अध्यक्षता कर रहे सतीश कुमार शुक्ल का अभिनंदन भी किया गया तथा अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि डिजिटल मीडिया, वेब पोर्टल बहुत अच्छा काम कर रहे हैं परन्तु फिर भी हमें अखबार के बिना अधूरा सा लगता है इसको बनाये रखने की भी आवश्यकता है! वरिष्ठ पत्रकार व एसोसिएशन के रक्षक पं. रामेश्वर दत्त शर्मा ने मिशनरी पत्रकारिता से दूर होने पर चिन्ता व्यक्त की उन्होंने कहा कि पत्रकारिता को भौतिकवाद का शिकार होने से बचना चाहिए। पत्रकारिता मिशनरी रहेगी तो ही पत्रकारों और समाज का भी कल्याण हो सकेगा। पत्रकारिता जगत के भीष्म पितामह डॉ आरके वर्मा ने पत्रकारिता के अतीत से वर्तमान तक बदले स्वरूपों की चर्चा की और पत्रकारिता व पत्रकारों की उपेक्षा पर चिन्ता व्यक्त करते हुए दून के सरदार दीवान सिंह मख्तून का स्मरण करते हुए उनके समाचार पत्र ’रियासत’ आदि पुरानी हस्तियों को याद किया और अपने ओजस्वी विचार रखे।इससे पहले संस्कृति विभाग के कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से उपस्थित जनों का मन मोह लिया। समारोह की अध्यक्षता पूर्व डीआईजी तथा जिला पुलिस शिकायत प्राधिकरण के सदस्य सतीश कुमार शुक्ल ने की। संचालन यूनियन के महासचिव डा.वी.डी. शर्मा ने किया। अन्त में यूनियन के अध्यक्ष विजय जायसवाल ने आगन्तुकों का आभार जताया।समारोह में मुख्य रूप से जय सिंह रावत, पं. सुभाष जोशी, राजकुमार छाबडा, एस.एन. उपाध्याय, केशव कुमार पचौरी, दीपक गुलानी, सुरेन्द्र अग्रवाल,अमित आहुजा, प्रदीप आहुजा रजत शर्मा, नरेश मिनोचा, नरेश रोहिला, अनुराग सेमवाल, हर्षनिधि शर्मा, सोहनवीर सिंह धीरवान, गिरीश गोयल, दिगम्बर उपाध्याय, सतीश आर्य, रविबक्शी, बालेश गुप्ता, दीपक छाबड़ा, संजय भट्ट, शशिकान्त मिश्रा, संजय त्यागी, सुनील गुप्ता, सोमपाल सिंह, महेन्द्र प्रकाशी, गौरव भारद्वाज, शैलेन्द्रपोखरियाल, सुभाष कुमार, रंजीत रावत, चौ. विरेन्द्र सिंह तेवतिया, अनवर राणा, संदीप शर्मा, तरुण मोहन, राजेश भटनागर, दीवान राणा, विवेक गुप्ता, अनिल मनोचा, वीरेंद्र दत्त गैरोला, डी. एस. माथुर, आतिफ शेख, तिलक राज, सतेंद्र गुसाईं, एन. के.गुसाईं, आदि सैकडों पत्रकार मौजूद रहे।