आर्थिक सुस्ती के बावजूद उत्तराखंड में पहली छमाही में पिछले साल की तुलना में अधिक रजिस्ट्रियां हुई
देहरादून । आर्थिक सुस्ती के बावजूद उत्तराखंड में जमीनों की बिक्री बढ़ गई है। जमीन की खरीद-फरोख्त पर मंदी का असर नजर नहीं आ रहा है। पहाड़ी जिलों के मुकाबले मैदानी जिलों में प्रॉपर्टी कारोबार खूब चल रहा है। इस साल की पहली छमाही में पिछले साल की तुलना में अधिक रजिस्ट्रियां हुई हैं। पिछले साल पहले छह महीनों में राज्य में कुल 99 हजार 294 रजिस्ट्रयां हुई थीं, जो इस साल एक लाख के पार पहुंच गई हैं। देश भर में उद्योग, रियल एस्टेट और बैंकों पर मंदी का असर साफ दिखाई दे रहा है। इससे राज्य में जमीनों की खरीद फरोख्त में भी गिरावट की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन जमीनों की बिक्री पर मंदी का राज्य में अभी तक कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की ओर से सरकार को दी गई जानकारी के अनुसार, इस साल अभी तक पूरे राज्य में 1,01,062 रजिस्ट्रयां हुई हैं। जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 99,294 रजिस्ट्रियां हुई थी। रजिस्ट्री के इन आंकड़ों से सरकार ने बड़ी राहत ली है। सरकार को रजिस्ट्री का राजस्व घटने की आशंका थी, लेकिन फिलहाल अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इस साल अभी तक जमीनों की बिक्री और रजिस्ट्री से तकरीबन 535 करोड़ का राजस्व मिला है। जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान यह राजस्व 485 करोड़ था। ऐसे में अभी तक राजस्व में पिछले साल के मुकाबले 10.23 प्रतिशत अधिक राजस्व मिला है। स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के अपर महानिदेशक एच एस जंगपांगी ने इन आंकड़ों की पुष्टि की है।