देशभर में बीफार्मा के सिलेबस में किया गया फेरबदल

देहरादून : फार्मेसी क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा और डिमांड को देखते हुए फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआइ) ने देशभर में बीफार्मा (बैचलर ऑफ फार्मेसी) के सिलेबस में बदलाव किया है। नए सिलेबस में शोध और प्रैक्टिकल पर विशेष रूप से फोकस किया जाएगा। यह बदलाव प्रोफेशनल रूप से बेहतर व उपयोगी हो इसे ध्यान में रखा गया है।

वर्तमान में व्यवहारिकता और बाजार के पैमाने पर फार्मेसी का सिलेबस पूरी तरह उपयोगी नहीं माना जा रहा था। जिससे पीसीआइ ने यह बदलाव किया है। नए सिलेबस में स्टूडेंट्स से अधिक से अधिक रिसर्च और प्रैक्टिकल कराए जाएंगे। वहीं, डॉक्टर मरीजों को जो दवाएं लिखते हैं। उसे कब और कितनी मात्रा में लें, इसके लिए हॉस्पिटल में बाकायदा अभ्यास करवाया जाएगा।

साथ ही अब कॉस्मेटिक साइंस में सौंदर्य उत्पाद बनाने के बारे में भी पढ़ाया जाएगा, ताकि इन उत्पादों के इस्तेमाल से साइड इफेक्ट की गुंजाइश न रहे। हर्बल स्टैंडराइजेशन एंड क्वालिटी कंट्रोल विषय में आयुर्वेद उत्पादों के बारे में भी छात्रों को पढ़ाया जाएगा। फाइटो केमिस्ट्री कोर्स में पेड़-पौधों की संरचनात्मक जानकारी दी जाएगी और कंप्यूटर एडेड ड्रग डिजाइन करना भी सिखाया जाएगा। साथ ही बीफार्मा की परीक्षा में अब दस अंकों के ऑब्जेक्टिव प्रश्न आएंगे।

फार्मा में कॉस्मेटिक साइंस पढ़ेंगे

बीफार्मा के आठवें सेमेस्टर में अब सेल एंड मॉलीकुलर बॉयोलॉजी, फार्मा को कॉस्मेटिक साइंस, हर्बल स्टैंडराइजेशन एंड क्वालिटी नियंत्रण, स्कूल प्रैक्टिस विषय को कोर्स में शामिल किया गया है।

उत्तराखंड तकनीकी विवि के सहायक रजिस्ट्रार डॉ. अरुण शर्मा का कहना है कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआइ) ने बीफार्मा के सिलेबस में  बदलाव किया है। प्रदेश के सभी 14 तकनीकी कॉलेजों में इसे लागू किया किया जाएगा। फार्मा में पढ़ाई करने वाले प्रदेश के सभी छात्र-छात्राओं को नए सिलेबस से लाभ मिलेगा।

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