उत्तराखंड में शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड की डेडलाइन पांच सितंबर

देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ड्रेस कोड लागू करने के सरकार के फैसले से दूरी बरकरार रखने वाले सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को मनाने की पुरजोर कोशिश की। उन्होंने ड्रेस कोड लागू करने के लिए डेडलाइन शिक्षक दिवस यानी पांच सितंबर तय कर शिक्षक संगठनों के पाले में गेंद सरका दी। इशारों में ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि शिक्षकों को ड्रेस कोड से निजात नहीं मिलने वाली है।

उधर, मुख्यमंत्री से वार्ता के बावजूद ड्रेस कोड लागू करने को लेकर शिक्षक संगठनों में कोई उत्साह नजर नहीं आया। अलबत्ता, उन्होंने यह शर्त जरूर जोड़ दी कि पांच सितंबर से ड्रेस कोड से उन्हें गुरेज नहीं। बैठक में जिन मांगों पर सहमति बनी है, उस संबंध में आदेश जारी होने चाहिए।

शिक्षा महकमे में ड्रेस कोड लागू करने के फरमान पर विभागीय अधिकारी तक अमल कर चुके हैं। लेकिन, प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक शिक्षक इस ड्रेस कोड के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।

इस सिलसिले में सचिवालय में मुख्यमंत्री ने प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों के संगठनों के साथ वार्ता भी की। मुख्यमंत्री ने संगठनों की मांगों पर उचित कार्रवाई को भरोसा बंधाने के साथ में ड्रेस कोड को लेकर अनुशासन का पाठ भी पढ़ाया। उन्होंने कहा कि शिक्षक पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। शिक्षकों को अन्य महकमों के कर्मचारियों की तरह ट्रीट नहीं किया जा सकता। विद्यालयों में अनुशासन कायम करने को ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है। उधर, मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि पहले शिक्षकों की मांगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इसके बाद ड्रेस कोड लागू होगा।

राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राम सिंह चौहान, महामंत्री डॉ सोहन सिंह माजिला, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री दिग्विजय सिंह चौहान, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष सिंह चौहान, माध्यमिक शिक्षक संघ के ईवी कुमार समेत तमाम शिक्षक नेताओं ने कहा कि मांगें मानीं तो शिक्षक ड्रेस कोड अपनाएंगे।

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