आम्रपाली ग्रुप पर कोर्ट का शिकंजा
नई दिल्ली। आम्रपाली ग्रुप और फ्लैट खरीदारों के बीच चल रहे विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने बिल्डर ग्रुप की किसी भी संपत्ति की बिक्री या ट्रांसफर पर रोक लगा दी है। इसके अलावा मामले पर कोर्ट ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि इन सभी को जीरो पीरियड का फायदा दिया जाए या फिर नहीं। इस मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होगी।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान नोएडा-ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की तरफ से विष्णु शर्मा ने कहा कि आम्रपाली ने पिछले चार साल में निर्माण रुकने के लिए और इलाहाबाद हाईकोर्ट के आर्डर का हवाला देते हुए जीरो पीरियड के तहत बकाया चुकाने में राहत की गुहार लगाई थी। इसके अलावा आम्रपाली हार्टबीट प्रोजेक्ट पर भी रिपोर्ट तलब की गई है।
इससे पहले भी शीर्ष कोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया था। और पूछा था कि नौ प्रोजेक्ट कब तक पूरे होंगे और कितनी लागत आएगी. और
इनमें रकम कौन लगाएगा। गौरतलब है कि खरीदारों की ओर से कोर्ट में पेश रिपोर्ट में आम्रपाली के 9 प्रोजेक्ट्स को 3 दर्जों में बांटा गया है. इनमें एक वो हैं जिसमें अभी भी कुछ लोग रह रहे हैं जिसमें लिफ्ट, फायर सेफ्टी, पावर बैकअप जैसी सुविधाएं नहीं हैं. इसके अलावा दूसरे में 6 से 9 महीनों में पूरे होने वाले एक प्रोजेक्ट हैं और तीसरे दर्जे में वो हैं जिनमें अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है।