कोरोना वायरस का कहर, राजस्थान सरकार ने पूरे राज्य में लागू किया धारा 144
नई दिल्ली ।राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों के जीवन पर खतरे को ध्यान में रखते हुए प्रदेश भर में प्रथम चरण में 31 मार्च तक धारा 144 लागू किए जाने के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने झुंझुंनू में जिस स्थान पर कोरोना वायरस से संक्रमित तीन रोगी पाए गए हैं, वहां अगले दो दिन तक मरीजों के घर से एक किलोमीटर के दायरे में कर्फ्यू लगाए जाने के निर्देश दिए हैं ताकि अन्य लोगों में संक्रमण फैलने से रोका जा सके।उन्होंने निर्देश दिए कि विदेशों से हवाई मार्ग से आने वाले यात्रियों को हवाईअड्डे के पास स्थित होटलों में ठहराकर उनकी पूरी स्क्रीनिंग की जाए। इसके लिए तीन होटल चिन्हित किए गए हैं। जांच में लक्षण सामने आने पर ऐसे व्यक्तियों को 14 दिन तक अपने घर में पृथक रहने का निर्देश दिया जाए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हवाईअड्डे पर उन व्यक्तियों के हाथ पर मुहर लगाई जाए। इसके अलावा उनके घर के बाहर भी इस संबंध में सूचना चस्पा की जाए ताकि आस-पड़ोस के लोग उनसे नहीं मिले और संक्रमण से बचे रह सकें गहलोत ने बुधवार को कोविड-19 (कोरोना वायरस) के संक्रमण से बचाव के उपायों की समीक्षा बैठक में कहा कि जिला मजिस्ट्रेट एवं उपखण्ड अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा प्रयास है कि प्रदेश के नागरिक इस महामारी के संक्रमण से बचे रहें। उन्होंने कहा कि मंदिर, मस्जिद सहित अन्य धार्मिक एवं सार्वजनिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को एकत्र नहीं होने की सलाह दी जाए।मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों में 31 मार्च तक तत्काल प्रभाव से अभिभावक एवं टीचर्स मीटिंग (पीटीएम) पर रोक लगाई जाए तथा स्कूलों में नए प्रवेश की प्रक्रिया से अभिभावकों एवं बच्चों की उपस्थिति को भी रोक दिया जाए। उन्होंने सार्वजनिक एवं सरकारी पुस्तकालयों को भी 31 मार्च तक बंद किए जाने के निर्देश दिए हैं।मुख्यमंत्री ने अजमेर, कोटा, भरतपुर, झुंझुनूं सहित अन्य स्थानों पर भी जांच सुविधा विकसित किए जाने तथा जयपुर में जांच क्षमता दोगुनी करने के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए राज्य में संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। जिला स्तर पर एसडीआरएफ के माध्यम से आइसोलेशन फेसिलिटी, लैब तैयार करने सहित अन्य सुविधाएं विकसित की जाएं।