कांग्रेसियों ने आज आखिरकार लोकसभा के निर्दलीय उम्मीदवार उमेश कुमार का दामन थाम ही लिया
By india warta/ रुड़की। पिछले काफी दिनों से चर्चा का विषय बने कांग्रेसियों ने आज आखिरकार लोकसभा के निर्दलीय उम्मीदवार उमेश कुमार का दामन थाम ही लिया। साथ ही कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अब कांग्रेस पार्टी में वो बात ओर सम्मान नही रहा, जो होता आया है। यहां प्रदेश में कांग्रेस चंद लोगों तक सीमित रह गयी है। परिवार वाद के चलते निष्ठावान कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा रहा है।आज नहर किनारा स्थित खानपुर विधायक एवं लोकसभा के निर्दलीय उम्मीदवार उमेश कुमार के कैम्प कार्यालय पर कांग्रेस नेता जगदेव सिंह सेखों व पंकज सिंघल (आरा मशीन वाले) तथा पुर्व नगर अध्यक्ष मिथिलेश शर्मा के परिवार व श्रीमति ब्रजेश ने भी समर्थकों सहित उमेश कुमार को हरिद्धार लोकसभा से सांसद बनाने का निर्णय लेते हुए उनमें आस्था जताई है। वहीं आज कैम्प कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान जगदेव सिंह सेखों ने कहा कि हरीश रावत परिवार वाद में इतने डूब गए है कि उन्हें परिवार के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता, उन्होंने पार्टी को अपने घर मे कैद कर दिया है। यही कारण है कि उनके निजी समर्थक भी उनसे छिटककर अन्य दलों में जाने को विवश हो रहे है। हरीश रावत ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी पत्नी को हरिद्वार लोकसभा से जबरन टिकट दिलवाया, लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया, उसके बाद उन्होंने बेटी मोह के चलते प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता गंवाई, आज पुत्र मोह के चलते उन्होंने हरिद्वार जनपद में कांग्रेस पार्टी को पूरी तरह डुबो दिया है। वहीं उन्होंने कहा कि आज तक पार्टी के हर-छोटे -बड़े कार्यक्रम उनके प्रतिष्ठान पर होते आये है और कांग्रेस का यहां अपना कार्यालय तक नही है, लेकिन उन्होंने पार्टी का प्रत्येक कार्यक्रम अपने प्रतिष्ठान पर आयोजित किया, लेकिन फिर भी उन्हें सम्मान नही मिला। हरीश रावत ने परिवारवाद की चाह में कांग्रेस के निष्ठावान सिपाहियों को दरकिनार कर दिया है। यही कारण है कि आज पिता-पुत्र दोनों को ही चुनाव में डटना पड़ रहा है। अन्य कोई व्यक्ति उन्हें समर्थन देने को तैयार नही है। आज समस्त कांग्रेस पदाधिकारियों ने निर्दलीय प्रत्याशी उमेश कुमार को समर्थन देते हुए चुनाव में उनके साथ प्रचार करने तथा उन्हें जीत की दहलीज तक पहुंचाने का निर्णय लिया। वहीं लोकसभा प्रत्याशी उमेश कुमार ने सभी का स्वागत किया और कहा कि उनके यहां सभी का सम्मान किया जाएगा और हरिद्वार बचाओ की मुहिम में वह उनके साथ आये है, यह उनके लिये गर्व की बात है। बाद में सभी का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।