उत्तराखंड कांग्रेस ने शुरू की भाजपा के दांत खट्टे करने की तैयारी
देहरादून : प्रदेश में नगर निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिलने जा रही है। गुजरात और हिमाचल चुनाव के बाद बने देशभर में बने सियासी हालात और राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद उत्तराखंड में कांग्रेस निकाय चुनाव को लेकर कांटेदार संघर्ष की रणनीति को अंजाम दे रही है।
आठ नगर निगमों में पार्टी ने मजबूत प्रत्याशियों की ढूंढ़ शुरू कर दी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नगर निगम समेत अन्य निकायों के लिए प्रत्याशियों के चयन के संबंध में गढ़वाल मंडल के पार्टी पदाधिकारियों की 26 दिसंबर को दून और सात जनवरी को कुमाऊं मंडल के पदाधिकारियों की बैठक तय की है।
वहीं, पार्टी के दिग्गज नेता भी निकाय चुनाव के बहाने प्रदेश में अपनी सियासी पकड़ को मजबूत बनाए रखने के लिए दांव-पेच में जुटे हैं। चहेतों को टिकट दिलाने के लिए अभी से जमीन तैयार करने की कोशिशें तेज हो गई हैं।
निकाय चुनाव को वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के नजरिये से अहम माना जा रहा है। विधानसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन से उबर कर कांग्रेस निकाय चुनाव में दमदार प्रदर्शन की तैयारी में है। जमीनी संघर्ष के लिए कार्यकर्ताओं को मुस्तैद किया जाएगा। प्रदेश में पार्टी संगठन के सामने निकाय चुनाव अग्नि परीक्षा से कम नहीं हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष पदभार राहुल गांधी के संभालने और प्रदेश में संगठन का जिम्मा प्रीतम सिंह के हाथ में आने के बाद संगठन के सामने भी इस परीक्षा में खरा उतरने की चुनौती है। वैसे भी शहरी मतदाताओं में भाजपा की पैठ और खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर कांग्रेस के लिए चिंता का सबब बनी है। इससे निपटने के लिए पार्टी महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दों के जरिये कार्यकर्ताओं के मनोबल को नई धार देने की कोशिश में है।
दमदार प्रत्याशियों पर दांव
वहीं इस बार पिछले निकाय चुनावों की तुलना में दमदार प्रत्याशियों पर दांव खेला जा सकता है। प्रदेश संगठन ने प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा और आम कार्यकर्ताओं की राय जानने के लिए दोनों मंडलों में सम्मेलन रखे हैं। जिलाध्यक्षों, निकायों के मौजूदा जनप्रतिनिधियों और पिछले निकाय चुनाव और विधानसभा के प्रत्याशियों के साथ ही प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे।
सम्मेलन में निकायों में अध्यक्ष समेत पार्षदों की सीटों के लिए दावेदारों के नाम मांगे जाएंगे। साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं में इस जंग के लिए जोश भरा जाएगा। आश्चर्य नहीं कि विधानसभा चुनाव लड़ चुके कई दमदार चेहरे इस बार निकाय चुनाव में भी खम ठोकते नजर आएं।