नकल कानून का विरोध कर रही कांग्रेस नकलचियों के साथ खड़ीः भगत
देहरादून, । भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा कालाढूँगी विधायक बंशीधर भगत ने कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए कहा, जिस तरह कांग्रेस नकल कानून व भर्ती परीक्षाओं को लेकर भ्रम का वातावरण बना रही है उससे साफ है कि कांग्रेस नकलचियों के साथ खड़ी है। श्री भगत ने कहा कि कांग्रेस के स्थानीय नेता एक एजेंडे के तहत राज्य की संवैधानिक संस्थाओं को कंफ्यूजड टूलकिट से और शीर्षस्थ नेता राहुल गांधी विदेश में जाकर देश को बदनाम करने करने की मुहिम में लगे हैं।
पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि धामी सरकार युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए भर्ती प्रक्रिया को लगातार अधिक पारदर्शी और त्रुटिहीन बनाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठा रही है। लेकिन काँग्रेस बड़े गैरजिमेदाराना ढंग से गड़बड़ियों की जांच और परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता को लेकर भ्रम और झूठ फैलाने में जुटी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देश का सबसे कठोर नकल कानून लाकर उत्तराखंड की भर्ती परीक्षाओं को नकल मुक्त करने में लगे हैं।
सरकार के बेहतर प्रयास का स्वागत करने के बजाय कांग्रेस लगातार परीक्षा प्रक्रियाओं और नकल कानून को लेकर युवाओं को बरगला रहे है। हालांकि यह स्वाभाविक भी है क्योंकि कांग्रेस ने अपनी सरकारों के दौरान नियुक्ति एजेंसियों में नकल का तंत्र स्थापित किया है, जिसे अब मुख्यमंत्री धामी जड़ से उखाड़ने में लगे है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी युवाओं के हितों और उनके साथ भविष्य में किसी भी तरह अन्याय ना हो और प्रदेश में पारदर्शी तरीके से प्रतियोगी परीक्षाओं को संपन्न कराने के लिए कटिबद्ध है। धामी सरकार जहां बेरोजगारों के लिए सरकारी नौकरियों का पिटारा खोला तो पूर्व में आयोजित हुई सभी भर्ती परीक्षाओं की हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में कराने का निर्णय लिया है।
यही वजह है कि युवाओं का विश्वास और जनता की संतुष्टि को नजरंदाज कर कांग्रेसी साजिश के तहत तमाम सुधारों का विरोध कर रही है।
भगत ने कहा कि नकल विरोधी कानून का विरोध कर युवाओं के मनोबल पर प्रहार करने वाली कांग्रेस युवाओ की हितैषी नही हो सकती, क्योकि इसमे उसका दोहरा आचरण सामने आ चुका है। एक ओर वह सभी मामलों की जांच की मांग कर रही है और दूसरी ओर नकल या दूसरे अवैध साधनों से नौकरी पाने वालों के साथ खड़ी है। कांग्रेस पर न युवाओं का भरोसा है और न ही जनता का और इसी उधेड़बुन मे वह सरकार तथा जाँच एजेंसियों पर आरोप प्रत्यारोप मे जुटी है जो कि जिम्मेदार विपक्ष के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।