सरकारी कंपनी कोल इंडिया करेगी 8,500 करोड़ रुपये का निवेश
कोलकाता: कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने वित्त वर्ष 2017-18 में पूंजी व्यय के रूप में 8,500 करोड़ रुपये निवेशकरने की योजना बनाई है. सीआईएल कुल खनिज का 84 फीसदी की करती है. कंपनी की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. खनन कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा, “वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पूंजीगत व्यय को 8,500 करोड़ रुपये में निर्धारित किया गया है.” पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल पूंजीगत व्यय 7,700.06 करोड़ रुपये था, जो उसके पिछले वर्ष 6,123.03 करोड़ रुपये था.
रिपोर्ट में कहा गया कि खनन कंपनी ने 2017-18 के दौरान विभिन्न परियोजनाओं में 6,500 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है, जिसमें सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट (एसटीपीपी), सौर ऊर्जा, उर्वरक संयंत्रों के पुनरुद्धार, कोयला गैसीकरण, भारत और विदेशों में कोयला खदानों का अधिग्रहण, और सीबीएम (कोयला बेड मीथेन) शामिल है.
चालू वित्त वर्ष में कोयला उत्पादन का लक्ष्य पिछले साल की उपलब्धियों के मुकाबले लगभग 8.3 फीसदी की वार्षिक वृद्धि के साथ 60 करोड़ टन (एमटी) आंका गया है. वित्त वर्ष 2018-19 में 77.37 करोड़ टन कोयला उत्पादन का अनुमान लगाया गया है, जो 28.95 फीसदी की वृद्धि है. कंपनी के चेयरमैन सुथिर्थ भट्टाचार्य ने कहा कि कंपनी को आने वाले सालों में लक्ष्य को पूरा करने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
उन्होंने कहा, “उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं, कोयला इंडिया को दो अंकों की विकास दर तक बढ़ने की जरूरत है. इस वृद्धि की गति को बनाए रखने के लिए कोल इंडिया ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए बहु-आयामी रणनीति तैयार की है.”