महिला अपराधों पर अंकुश को हर जिले में जांच इकाई
देहरादून : प्रदेश में महिला अपराधों पर सरकार ने शिकंजा कसा है। बुधवार को मंत्रिमंडल ने महिलाओं पर होने वाले अपराधों की रोकथाम के लिए हर जिले में जांच इकाई गठित करने पर मुहर लगा दी। अति निर्धन भूमिहीनों को भी राहत दी गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में चिह्नित भूमिहीन परिवारों को आवास बनाने के लिए भूमि खरीद पर स्टांप शुल्क माफ किया गया है।
इससे साढ़े चार हजार भूमिहीन परिवार लाभान्वित होंगे। वहीं खनन से होने वाली आमदनी अब खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास, स्थानीय लोगों के भरण-पोषण के लिए योजनाएं और पर्यावरण सुरक्षा पर खर्च की जाएगी। इसके लिए जिला खनिज न्यास की स्थापना का फैसला मंत्रिमंडल ने लिया है। खडिय़ा खनन के पट्टे देने की नीति को सरल बनाया गया है।
सचिवालय में बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में महिलाओं, निर्धनों को राहत देते हुए फैसले लिए गए। विधानसभा सत्र आहूत होने के चलते मंत्रिमंडल के फैसलों को ब्रीफ नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक महिला अपराधों की रोकथाम के लिए जिलों में जांच इकाइयां गठित करने के केंद्र सरकार के निर्देशों को मंत्रिमंडल ने अमलीजामा पहना दिया है।
हालांकि, मंत्रिमंडल ने जिलों में गठित की जाने वाली जांच इकाई के लिए गृह विभाग की ओर से प्रस्तावित ढांचे को मंजूरी नहीं दी। इसके स्थान पर जिलों को अपनी इकाइयां गठित करने की छूट दी गई है।
60 से 100 वर्गमीटर भूमि पर नहीं लगेगा स्टांप
मंत्रिमंडल ने तय किया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, पूर्व में इंदिरा आवास योजना के तहत सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 के आधार पर पात्र आवास और भूमि से वंचित निर्धन परिवारों को आवास बनाने के लिए भूमि की खरीद पर की जाने वाली रजिस्ट्री में स्टांप शुल्क नहीं पड़ेगा। राज्य में ऐसे भूमिहीन परिवारों की संख्या 4549 है।
इनमें 2011 की जनगणना में चिह्नित 2583 लाभार्थी हैं, जबकि 1966 लाभार्थी ऐसे हैं जो 2011 की जनगणना में छूट गए थे। इन परिवारों को अब न्यूनतम 60 वर्गमीटर से अधिकतम 100 वर्गमीटर भूमि पर स्टांप शुल्क माफ होगा।
जिलों में भूमिहीनों का चयन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित चयन समिति को सौंपा गया है। समिति में मुख्य विकास अधिकारी, संबंधित उपजिलाधिकारी व तहसीलदार शामिल होंगे।
सामुदायिक रेडियो पर 30 फीसद अनुदान
मंत्रिमंडल ने सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के लिए प्रोत्साहन नीति को भी मंजूरी दी है। यह नीति केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक है। इसका उद्देश्य उक्त योजना में स्थानीय लोगों की भागीदारी, स्थानीय समस्याओं का निदान, सरकार के कार्यों का प्रचार-प्रसार, आपदा प्रबंधन में जागरूकता है। वर्ष 2013 की आपदा के दौरान ऐसे ही एक सामुदायिक रेडियो स्टेशन से प्रभावितों को राहत पहुंचाने में बड़ी मदद मिली थी।
इस योजना में शैक्षणिक संस्था, सिविल सोसायटी, स्वैच्छिक संगठन, गैर लाभकारी संगठन अपना रेडियो स्टेशन स्थापित कर सकते हैं। पांच लाख तक की लागत वाली ऐसी योजना में सरकार 30 फीसद तक एकमुश्त अनुदान मुहैया कराएगी।
सभी भूस्वामियों की एनओसी जरूरी नहीं
वहीं मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड गौण खनिज नीति-2015 यथा संशोधित 2016 में संशोधन किया है। संशोधन के बाद खडिय़ा के खनन के पट्टे देन के लिए सभी संबंधित भू-स्वामियों की अनापत्ति जरूरी नहीं होगी। 60 फीसद भू-स्वामियों के अनापत्ति प्रमाण पत्र पर ही खनन पट्टे आवंटित किए जा सकेंगे। इससे पहले उक्त व्यवस्था सिर्फ आशय पत्र जारी करने के लिए थी।
आशय पत्र जारी होने के बाद सभी भू-स्वामियों की अनापत्ति मिलने पर ही पट्टे आवंटित किए जाते थे। हालांकि, खनन पट्टे जारी होने के बावजूद खनन शुरू करने से पहले पट्टाधारक को सभी भू-स्वामियों की सहमति लेना आवश्यक होगा।
कैबिनेट फैसले:
-उत्तराखंड गौण खनिज नीति संशोधित नियमावली, 2017 को मंजूरी, खडिय़ा खनन के पट्टों के आवंटन का सरलीकरण
-सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को प्रोत्साहन नीति मंजूर, संस्थाओं को पांच लाख की योजना पर 30 फीसद अनुदान
-उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण का ढांचा मंजूर, 573 पद सृजित
-उत्तराखंड जिला खनिज न्यास नियमावली पर मुहर
-उत्तराखंड ग्रामीण निर्माण विभाग अधीनस्थ अभियांत्रिकी सेवा नियमावली में संशोधन
-उत्तराखंड लोक सेवा आयोग अनुभाग अधिकारी (लेखा), समीक्षा अधिकारी (लेखा) संशोधन नियमावली स्वीकृत
-उत्तराखंड आवास नीति परिचालन नियमावली पर विचार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित