झपट्टा मारकर मोबाइल और पर्स लूटने वाला गिरोह दबोचा
देहरादून : सुनसान जगहों पर राह चलते लोगों से झपट्टा मारकर पर्स, मोबाइल आदि लूटने वाला गिरोह पटेलनगर पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने गिरोह के छह सदस्यों को पकड़कर उनके कब्जे से 18 मोबाइल फोन, एक लेडीज पर्स, दो आधार कार्ड, बैंक की पासबुक आदि सामान बरामद किया है। आरोपियों में तीन नाबालिग हैं। आरोपी तीन टीम बनाकर लूट को अंजाम देते थे। दो टीमें रेकी करती थीं और तीसरी टीम मौका देख वारदात को अंजाम देती थी। नाबालिगों को पुलिस ने उनके परिजनों को सौंप दिया, जबकि अन्य तीन आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।
पटेलनगर थाना प्रभारी रितेश ने बताया कि दो फरवरी को थाना क्षेत्र के विद्या विहार फेस टू में दो स्कूटी पर सवार चार बदमाशों ने पवन गुप्ता पुत्र अशोक कुमार गुप्ता का मोबाइल लूट लिया था। इसका खुलासा करने के लिए चार टीमों का गठन किया गया।
टीमों ने जेल से छूटे लुटेरों का सत्यापन करने के साथ आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। पुलिस टीम देवऋषि एनक्लेव में चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान दो स्कूटी व एक मोटर साइकिल सवार को रोकने का प्रयास किया गया तो उन्होंने वाहनों को तेजी से वापस मोड़कर भागने का प्रयास किया।
शक होने पर पुलिस ने तीन वाहनों जिस पर कुल छह युवक सवार थे, उनको पकड़ लिया। पूछताछ में युवकों ने अपने नाम शगुन शर्मा पुत्र सुशील शर्मा निवासी संजय कॉलोनी बाल्मीकि बस्ती पटेलनगर, रोहित कुमार पुत्र सुनील गोदियाल निवासी लक्खीबाग भंडारीबाग वाल्मीकि बस्ती, सागर पुत्र नाथी निवासी नई बस्ती पटेलनगर बताया।
इसके साथ तीन आरोपी नाबालिग थे। आरोपियों की तलाशी लेने पर उनके कब्जे से एक लेडीज पर्स, आधार कार्ड, 18 मोबाइल फोन बरामद किए गए। बरामद मोबाइल के बिल मांगे गए तो वह कुछ नहीं बता पाए। थाना प्रभारी ने बताया कि एक मोबाइल नोकिया पटेलनगर थाने के अंतर्गत हुई लूट से संबंधित पाया गया और लेडीज पर्स, दो आधार आधार कार्ड, बैंक की पास बुक कोतवाली नगर में हुई लूट से संबंधित निकला।
टीमें बनाकर देते हैं लूट को अंजाम
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह देहरादून और हरिद्वार में तीन टीमें बनाकर लूट को अंजाम देते थे। दो टीम रेकी कर सुनसान क्षेत्रों में अकेले फोन पर बात कर रहे लोगों को चिह्नित कर आगे निकल जाती थी। इसके बाद तीसरी टीम के सदस्य तेजी से स्कूटी या मोटरसाइकिल से आकर झपट्टा मारकर मोबाइल या अन्य सामान छीन कर भाग जाते थे। वारदात करने के बाद एक नियत स्थान पर मिलकर लूट से बरामद रुपये व सामान बांट लेते थे।