शहरवासियों को मृत पशुओं की दुर्गंध से निजात मिलने जा रही
देहरादून। शहरवासियों को अब सड़क या नदी व नालों के किनारे फेंके जाने वाले मृत पशुओं की दुर्गंध से निजात मिलने जा रही है। नगर निगम शहर में विद्युत शवदाह गृह बनाने जा रहा। केदारपुरम स्थित एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में बनने जा रहे विद्युत शवदाह गृह में आवारा पशुओं के साथ पालतू पशु का दाह संस्कार भी किया जा सकेगा। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि प्रदूषण के मानकों का पूरा ध्यान रखते हुए शवदाह गृह की चिमनी काफी ऊंची बनाई जाएगी। नगर निगम खुद इसका संचालन करेगा। शवदाह गृह के निर्माण की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस पर लगभग 25 लाख रुपये तक का खर्च आएगा।
शहर में करीब 50 हजार आवारा पशु हैं। इनमें करीब 35 हजार कुत्ते जबकि बाकी में गाय, सांड, बैल आदि हैं। इनकी मौत होने पर दफनाने या दाह संस्कार का कोई प्रबंध फिलहाल नहीं है। इसके कारण पशु प्रेमियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मौजूदा समय में लोग पालतू पशु की मृत्यु होने के बाद उसके शव को यहां-वहां गाड़ देते हैं या नदी-नाले किनारे डाल आते हैं। वहीं, आवारा पशु की मृत्यु पर उसका शव कईं-कईं दिन तक सड़ता रहता है। प्रदूषण व पर्यावरण के लिहाज से यह हानिकारक तो है ही, दुर्गंध से आसपास रहने वालों का सांस लेना मुश्किल हो जाता है। नगर निगम इन्हीं दिक्कतों को दूर करने के लिए शहर में पशुओं के लिए विद्युत शवदाह गृह बनवाने जा रहा। मृत पशु का यहां सुरक्षित तरीके से दाह संस्कार होगा। यहां दाह संस्कार करने पर तो दुर्गंध आएगी और न ही उसके धुएं से संक्रमण का खतरा रहेगा। इस मशीन से मृत पशुओं का अंतिम संस्कार इको फ्रेंडली ढंग से होगा। इसकी जिम्मेदारी वरिष्ठ नगर पशु चिकित्साधिकारी डा. डीसी तिवारी को सौंपी गई है। नगर आयुक्त ने बताया कि शवदाह गृह में आवारा पशुओं का निश्शुल्क संस्कार किया जाएगा, जबकि घरेलू और पालतू पशुओं के लिए शुल्क तय किया जाएगा। शुल्क निगम बोर्ड तय करेगा। एक दाह संस्कार के लिए 500 रुपये तक शुल्क प्रस्तावित किया जा सकता है। नगर निगम दाह संस्कार के बाद पशु मालिक को शुल्क की रसीद भी देगा। इसी शुल्क से शवदाह गृह का रख-रखाव किया जाएगा।