चीन चला रहा मेड इन इंडिया ‘एंटी स्मॉग’ मशीन, हम दे रहे उसका उदाहरण
यमुनानगर । पिछले दिनों दिल्ली में स्मॉग संकट गहराया तो ऊंची इमारतों पर च़़ढ पानी की बौछार की गई। हेलिकॉप्टर से पानी का छिड़काव करने की योजना बनी। उदाहरण देकर कहा गया कि हमें चीन से सीखना चाहिए, वह मशीनों के जरिये स्मॉग को हटाता है। सोचने वाली बात है कि हम जिस चीन की मिसाल दे रहे थे, वह खुद भारत में बनी एंटी स्मॉग मशीनों का इस्तेमाल करता है। बहरहाल, दिल्ली सरकार ने इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है।
क्लाउड टेक कंपनी के सीईओ यमुना नगर(हरियाणा) के रहने वाले सुशांत सैनी ने बताया कि मशीन का ट्रायल जल्द ही दिल्ली में होगा। सुशांत मैकेनिकल इंजीनियर हैं और उनका दावा है कि देश में सिर्फ उनके पास इस तरह की तकनीक है। 25 करोड़ रुपए से अधिक टर्नओवर इंजीनियरिंग करने के बाद सुशांत ने हीरो होंडा कंपनी में नौकरी की। कुछ खास करने की चाह मे नौकरी छोड़ दी। यमुनानगर आ गए।
वर्ष 2005 में क्लाउड टेक कंपनी बनाई। उन्होंने पांच तरह की मशीनें बनाईं जो स्मॉग (वातावरण में धूल, कार्बन और सूक्ष्म धातु कणों की मात्रा बढ जाना), फॉग (कोहरा), मिस्ट (धुंध), डस्ट (धूल), नमी, गंध व कीट नियंत्रण के काम आती हैं। इनकी कीमत छह से तीस लाख रुपए तक है। इनमें फॉग कैनन डस्ट सप्रेशन सिस्टम स्मॉग दूर करने में इस्तेमाल होती है। सुशांत ने यमुनानगर के मानकपुर और अहमदाबाद में दो प्लांट लगाए हैं। खनन, थर्मल, सीमेंट, स्टील, एनटीपीसी, पेट्रोलियम कंपनियों, चाय बागानों और दूसरी औद्योगिक इकाइयों में उनकी मशीन इस्तेमाल हो रही हैं। कंपनी का टर्नओवर 25 करोड़ से अधिक पहुंच गया है।
ऐसे काम करती है स्मॉग-फॉग कैनन मशीन:
– सेंसर के कारण प्रदूषण पीएम 2.5 से ज्यादा होते ही मशीन स्वत: कार्य शुरुकर देती है।
– पानी को इतने अधिक प्रेशर पर निकालते हैं कि उसकी बूंदें धूल के कण के आकार (0.5 से 2 माइक्रोन) की हो जाएं।
– इनके आपस में टकराते ही धूल कण का वजन ब़़ढता है और वह नीचे आ जाता है।
-15 मिनट का स्प्रे 5 घंटे की बारिश जितना असर डालता है।
– 4 से 6 किमी तक वातावरण एक दम साफ हो जाता है।