बाल विकास मंत्री ने की विभाग की योजनाओं की समीक्षा
देहरादून, । महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने विधान सभा स्थित सभागार कक्ष में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली, जिसमें सभी जनपदों के जिला कार्यक्रम अधिकारी वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सम्मिलित हुए। बैठक में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई। मंत्री ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जनपदों में आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना, आंगनवाड़ी सहायिका से आंगनवाडी कार्यकत्री के भरे गये पदों के संबंध में, प्री-स्कूल एवं मेेडिसिन किट वितरण, आंगनवाड़ी केन्द्र संचालन की स्थिति, मॉडल आंगनवाड़ी केन्द्र की स्थिति, तथा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, नन्दा गौरा योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, वन स्टॉप सेन्टर, किशोरी बालिकाओं, महिलाओं हेतु सैनेटरी नैपकीन योजना, आंचल अमृत योजना, मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना, मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
मंत्री ने कहा कि राज्य में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में रिक्तियों के सन्दर्भ में पूर्व में शासनादेश जारी किया गया था कि जिस भी आंगनवाड़ी केन्द्र में रिक्तियां हों उनमें ऐसी सहायिकाओं को स्वतः ही नियुक्ति दी जायेगी जो कि आंगनवाड़ी कार्यकत्री बनने की योग्यता को पूर्ण करती हो, इसके अनुपालन हेतु समीक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में अहर्ता रखने वाली सहायिकाओं को आंगनवाड़ी कार्यकत्री के रूप में रिक्तियों के सापेक्ष सीडीपीओ के स्तर से ही नियुक्ति दी गई है तथा शेष रिक्तियों पर विभाग द्वारा आनेवाले समय में ऑनलाईन विज्ञप्ति जारी कर दी जायेगी, जिससे सहायिकाओं को भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनने का अवसर प्राप्त होगा।
किराये के भवन में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों को नजदीकी विद्यालयों या पंचायत भवनों में शिफ्ट करने के संबंध में मंत्री ने कहा कि किसी भी आंगनवाड़ी कार्यकत्री के घर में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित न किये जाएं जिसका अनुपालन सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों द्वारा किया गया है। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि जर्जर हो चुके विद्यालयों या पंचायत भवनों में संचालित हो रहे आंगनवाड़ी केन्द्रों से बच्चों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारी आंगनवाड़ी की बहिनों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए विभाग जल्द से जल्द आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कराने हेतु प्रयासरत है। मंत्री ने कहा कि सभी जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुपूरक पोषाहार योजना के अर्न्तगत किये गये भुगतान तथा सरेण्डर की जाने वाली धनराशि की रिपार्ट एक सप्ताह के भीतर निदेशालय को प्रेषित कर दी जाए। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को आपसी सामन्जस्य स्थापित करते हुए विभागीय कार्यों को संपादित करने के निर्देश दिये। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों के दायित्वों को देखते हुए दिनांक 10 जुलाई 2023 को 13 जनपदों के डीपीओ हेतु वाहनों हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया है जिससे विभाग के कार्यों को संचालित करने में सुविधा प्राप्त होगी। मंत्री ने कहा कि आगामी 08 अगस्त 2023 को तीलू रौतेली के जन्म दिवस के अवसर पर साहसिक कार्य करने वाली महिलाओं को दिये जाने वाले पुरुस्कार के संबंध में आवेदन करने की अन्तिम तिथि 12 जुलाई 2023 थी जिसको वर्षाकाल में हो रही परेशानियों को देखते हुए 05 से 07 दिन बढ़ाने तथा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को मिलने वाले पुरुस्कार की समय सीमा को भी बढ़ाने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया गया। उन्होंने कहा कि तीलू रौतेली पुरुस्कार तथा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को मिलने वाले पुरुस्कार की धनराशि को मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत 51 हजार रूपये करने के प्रस्ताव को अग्रसारित कर दिया गया है। मंत्री ने कहा कि लगभग 50 प्रतिशत आंगनवाड़ी केन्द्र जो गैस कनेक्शन रहित हैं उन्हें जल्द से जल्द विभाग द्वारा गैस कनेक्शन मुहैया कराया जायेगा जिससे सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों को कुक्ड फूड की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। मंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि आंगनवाड़ी कार्यकत्री, सहायिका, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां तथा अन्य लाभार्थियों को विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का उचित लाभ मिल सके तथा एक आदर्श उत्तराखण्ड राज्य की परिकल्पना साकार हो सकेगी। इस अवसर पर सचिव, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग, हरि चन्द्र सेमवाल, उप निदेशक, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग विक्रम सिंह तथा अन्य विभागीय अधिकारी एवं वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सम्मिलित हुए सभी जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित रहे।