छत्तीसगढ़ में उलझाएंगी माया
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए जकांछ और बसपा में सीटों के बंटवारे के बाद जो स्थिति बनी है उससे रोचक संघर्ष के आसार बन रहे हैं। जिन 35 सीटों पर बसपा गठबंधन की ओर से चुनाव लड़ेगी, उनमें 21 पर भाजपा और 13 पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है। अब इन सीटों पर दोनों दलों को बसपा त्रिकोणीय संघर्ष में उलझाएगी।
सर्वाधिक मेहनत भाजपा को उन आरक्षित सीटों पर करनी होगी, जहां उनके विधायक हैं। बसपा इस बार जिन दिग्गजों को चुनौती देगी, उनमें विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, मंत्री राजेश मूणत, मंत्री दयाल दास बघेल सहित नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंह देव व भाजपा विधायक युद्धवीर सिंह शामिल हैं। बहुजन समाज पार्टी को मिली भरतपुर सोनहत, लुंड्रा, जशपुर, कुनकुरी, सारंगढ़, सक्ती, पामगढ़, बिलाईगढ़, कसडोल, रायपुर पश्चिम, रायपुर दक्षिण, बिंद्रानवानढ़, कुरुद, भिलाई नगर, अहिवारा, नवागढ़, डोगरगढ़, अंतागढ़, पंडरिया, सरायपाली, चंद्रपुर पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है। आरक्षित कसडोल से विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, नवागढ़ दयालदास बघेल निर्वाचित हैं। वहीं भिलाई नगर से प्रेमप्रकाश पांडेय, रायपुर दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर पश्चिम से राजेश मूणत निर्वाचित है। अनारक्षित सीट चंद्रपुर से युद्धवीर सिंह जूदेव हैं। इसी प्रकार बसपा कोटे की सामरी, अंबिकापुर, खरसिया, पाली तानाखार, अकलतरा, जांजगीर चांपा, डोमरगांव, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, कोंटा व मस्तूरी कांग्रेस के कब्जे में है। यहां अंबिकापुर से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंह देव विधायक हैं। बसपा कोटे की एक सीट जैजैपुर बसपा के ही कब्जे में है। भाजपा व कांग्रेस की आरक्षित सीटों पर इस बार बसपा कड़ा मुकाबला देगी क्योंकि बसपा की राजनीति शुरू से ही दलित मूवमेंट के इर्द-गिर्द रही है।