नीरव मोदी की कंपनी के CFO से CBI ने की 5 घंटे पूछताछ, आज फिर बुला सकती है
नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी की कंपनी के चीफ फाइनेंस ऑफिसर विपुल अंबानी से रविवार को सीबीआई ने पूछताछ की. सीबीआई ने विपुल अंबानी को ज़रूरी दस्तावेज़ों के साथ तलब किया था. क़रीब 5 घंटे तक पूछताछ हुई. सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि आज (सोमवार को) भी विपुल अंबानी को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. सीबीआई ने इस मामले में बैंक के कुछ निलंबित अधिकारियों से भी पूछताछ की. इस बीच सीवीसी सोमवार को पीएनबी के प्रमुख से इस घोटाले के सिलसिले में मुलाक़ात करेंगे.
वहीं रविवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देश के 15 शहरों की 45 जगहों की तलाशी ली. बेंगलुरु में 10 जगहों पर, दिल्ली में सात जगहों पर, कोलकाता और मुंबई में पांच-पांच जगहों पर, चंडीगढ़ और हैदराबाद में चार-चार जगहों पर, पटना और लखनऊ में तीन जगहों पर, अहमदाबाद में दो जगहों पर और चेन्नई व गुवाहाटी में एक-एक जगहों पर एजेंसी ने छापेमारी की थी.
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि गोवा, जयपुर, श्रीनगर और जालंधर में भी इस मामले में छापेमारी की गई है, लेकिन जगहों की अभी पुष्टि नहीं हुई है. दिल्ली में ईडी ने साकेत स्थित एमजीएफ मॉल में गीतांजलि के काउंटर, वसंत कुंज में एंबियंस मॉल, जनकपुरी में गीतांजलि काउंटर शॉपर्स स्टॉप, रजौरी गार्डेन में आरक्यूब, रीगल ज्वेलर्स और द्वारका सेक्टर-11 व रोहिणी में गीतांजलि स्टोर की तलाशी ली.
इससे पहले, ईडी ने शुक्रवार और शनिवार को भी 11,300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में देशभर में क्रमश: 35 और 21 ठिकानों पर छापेमारी कर 5,674 करोड़ रुपये मूल्य का हीरा, सोना व जेवरात जब्त किए. अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मुंबई स्थित उसकी कंपनी डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स और स्टेलर डायमंड्स के कथित फर्जीवाड़े के उजागर होने पर गुरुवार को ईडी ने धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत प्रथम जांच रपट (एफआईआर) दर्ज कर छापेमारी शुरू की.
यह कार्रवाई नीरव मोदी के खिलाफ 6,498 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा बुधवार को दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई है.
मुंबई के वाल्केश्वर स्थित गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मेहुल चोकसी समेत गीतांजलि समूह की कंपनियों के 10 निदेशकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश रचने और धोखाधड़ी करने के आरोप में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की. एफआईआर में बैंक के दो पूर्व कर्मियों के भी नाम हैं जिन्हें फर्जी तरीके से लेन-देन में प्रत्यक्ष रूप से शामिल बताया गया है.
इसके अलावा सीबीआई द्वारा 4,886.72 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में दर्ज एफआईआर में गीतांजलि समूह की तीन कंपनियों के भी नाम हैं.