भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान और रूस की प्रोफेशनल अकाउंटेंट्स संस्थान के बीच समझौता ज्ञापन को कैबिनेट की मंजूरी
पृथ्वी पर मानवीय बुद्धि से सर्वश्रेष्ठ और बौद्धिक क्षमता में मानव से अधिक बुद्धिमान कोई नहीं है।इसीलिए ही हमारे बड़े बुजुर्ग कहते हैं और आध्यात्मिकता में भी आया है कि,84 करोड़ योनियों में मानव योनि ही सर्वश्रेष्ठ है।भाग्यवानों को ही यह योनि मिलती है..साथियों बात अगर हम भारत में अलग- अलग क्षेत्र में प्रोफेशनल्स की करें तो डॉक्टरों की आईएमए,वकीलों की बार एसोसिएशन इंजीनियरों की चार्टर्ड अकाउंटेंट्स इत्यादि अनेक प्रकार के प्रोफेशनलस की अपनी अपनी संस्थाने बनी होती है।जिसमें अनेक रूल्स और रेगुलेशंस,कोड ऑफ कंडक्ट इत्यादि अनेक प्रकार की नियमावली होती है।जो उनके सदस्यों पर लागू होती है और उसका उल्लंघन करने पर सदस्य को उन संस्थानों से निलंबित, सदस्यता रद्द,इत्यादि पनिशमेंट करने जैसी बड़ी कार्रवाई होती है। ज्ञात हो कि इनसे जुड़े कोर्स की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही इन संस्थानों की सदस्यता हासिल होती है।…साथियों बात अगर हम इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई)की करें तो इसके भी सदस्य तभी बनते हैं जब इससे संबंधित परीक्षा पास करते हैं। इसी प्रकार अलग अलग देशों में इस तरह की चार्टर्डअकाउंटेंट्स संस्थान हैं।जैसे रूस में भी इंस्टीट्यूट आफ प्रोफेशनल अकाउंटेंट्स आफ रूस (आईसीएआर) नाम से ऐसी संस्थान है। वैश्विक विकास के हर क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जिसके कारण हर देश अपने यहां भी उस अनुरूप हर क्षेत्र को विकसित करने की का रणनीतिक रोडमैप बना रहे हैं।उसीकानतीजा है कि भारत और रूस भी इन अकाउंटेंट्स संस्थानों के आपस में आपसी प्रोफेशनल सहयोग की रूपरेखा याने एक एमओयू तैयार किया है जिसमें पेशेवर और बौद्धिक विकास में सहयोग से सकारात्मक क्रांतिकारी लाभ मिलने की उम्मीद है जिसे दिनांक 25 अगस्त 2021 को माननीय पीएम की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की कैबिनेट की बैठक में मंजूरी प्रदान की गई है।जिसमें इस क्षेत्रसे जुड़े सदस्योंहितधारकों बौद्धिक विकास में रुचि रखने वालों,व्यापार,उद्योग,और वित्तीय क्षेत्र में हर्ष की लहर दौड़ गई है।…साथियों बात अगर हम इस एमओयू की करें तो,इसका फुल फॉर्म मेमोरेंडम ऑफअंडरस्टैंडिंग होता है,याने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पार्टियों के बीच एक द्विपक्षीय या बहुपक्षीय समझौते का वर्णन करने वाला एक दस्तावेज है।यह पार्टियों के बीच इच्छा का एक अभिसरण व्यक्त करता है,जो एक सामान्य कार्रवाई की रेखा को दर्शाता है।…साथियों बात अगर हम इसके कार्यान्वयन,रणनीति और लक्ष्य की करें तो पीआईबी की विज्ञप्ति के अनुसार इस प्रस्तावित समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्य प्रोफेशनल अकाउंटेंसी प्रशिक्षण, प्रोफेशनल नीतिशास्त्र (एथिक्स),तकनीकी अनुसंधान, अकाउंटेंट्स के पेशेवर विकास के संबंध में विचारों और जानकारी के आदान-प्रदान के माध्यम से अकाउंटेंसी पेशे के मामलों में सहयोग को मजबूत बनाना है। इस एमओयू का उद्देश्य सेमिनारों, सम्मेलनों और दोनों पक्षों के लिए आपस में लाभकारी संयुक्त गतिविधियों के माध्यम से आपसी सहयोग को बढ़ावा देना तथा विश्व में इस पेशे को बढ़ावा देने के लिए भारत और रूस में अकाउंटेंसी पेशे के विकासके बारेमें नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराना है। दोनों पक्ष सूचना सहायता के माध्यम के रूप में एक-दूसरे की वेबसाइट्स को आपस में जोड़ेंगे.. साथियों बात अगर हम इस समझौता ज्ञापन के लाभ की करें तो आईसीएआई के सदस्य अनेक देशों के विभिन्न संगठनों में मध्यम से लेकर शीर्ष स्तर के पदों पर कार्यरत हैं,जो किसी देश के संबंधित संगठनों के निर्णय/नीति निर्माणकी रणनीतियों को प्रभावित कर सकते हैं।आईसीएआई विश्व के 45 देशों के 68 शहरों में चैप्टरों और प्रतिनिधि कार्यालयों के अपने विशाल नेटवर्क के माध्यम से संबंधित देशों में प्रचलित प्रथाओँ को साझा करके महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे भारत सरकार विदेशी निवेश आकर्षित करने और उन्हें भारत में अपना सेटअप स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु इन प्रथाओं को अपना सके। इस समझौता ज्ञापन से कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई)और इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल अकाउंटेंट्स ऑफ रूस (आईपीएआर) लाभान्वित होंगे।…साथियों बात अगर हम इस समझौते के प्रमुख प्रभाव की करें तो,आईसीएआई और आईपीएआर के बीच इस समझौता ज्ञापन से आईसीएआई सदस्यों और दोनों संबंधित संगठनों के सर्वोत्तम हितों के लिए आपस में लाभकारी संबंध विकसित करने हेतु आईसीएआई सदस्यों की संभावनाओं के संबंध में अतिरिक्त प्रोत्साहन उपलब्ध होने की उम्मीद है।इस समझौता ज्ञापन से आईसीएआई अकाउंटेंसी के पेशे में सेवाओं के निर्यात द्वारा रूस के साथ साझेदारी को मजबूती प्रदान करने में सक्षम होगा।..साथियों बात अगर हम इस भारतीय संस्थान की पृष्ठभूमि की करें तो इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के पेशे के नियमन के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट्स अधिनियम 1949 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है। आईसीएआई ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के पेशे को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा,पेशेवर विकास, उच्च अकाउंटिंग के रख-रखाव,लेखापरीक्षा और नैतिक मानकों के क्षेत्र में व्यापक योगदान दिया है,जिसे वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त है।इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल अकाउंटेंट्स ऑफ रूस (आईपीएआर) अकाउंटेंट्स का सबसे बड़ा गैर-लाभकारी संघ है।अतःअगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करेंतो हम पाएंगेकि भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंटट्स संस्थान और रूस की प्रोफेशनल अकाउंटेंट्स संस्थान के बीच समझौता ज्ञापन को कैबिनेट की मंजूरी एक सराहनीय कदम है जिससे पेशेवर और बौद्धिक विकास के क्षेत्रों में आपसी सहयोग का क्रांतिकारी कदम सिद्ध होगा जिससे वित्तीय क्षेत्र में इसके अनेक लाभों को देखने मिलेगा।
संकलनकर्ता- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र