स्टीवन स्मिथ ने भी माना बूमराह और भुवी की जोड़ी है बेस्ट डेथ ओवर गेंदबाज़
नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ भारत ने इंदौर में जीत हासिल की तो इसमें बल्लेबाज़ों के अलावा गेंदबाज़ों का अहम रोल रहा. पहले 40 ओवरों में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों ने खूब रन बटोरे. एरॉन फ़िंच और स्टीवन स्मिथ ने भारतीय स्पिनरों को आड़े हाथों लिया. दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 154 रन जोड़े ख़ासकर फ़िंच काफ़ी ख़तरनाक दिखे. फ़िंच ने युज़्वेंद्र चहल की 25 गेंदों पर 27 रन तो कुलदीप यादव की 26 गेंदों पर 41 रन बनाए. इंदौर में चहल और कुलदीप ने 16 ओवर में 108 रन लुटाए. चहल और कुलदीप ने इस दौरान 3 विकेट भी निकाले लेकिन इसके बाद तेज़ गेंदबाज़ों ने मोर्चा संभाला और मैच का रूख़ भारत की ओर मोड़ दिया. तेज़ गेंदबाज़ों ने 24 ओवर में 108 रन दिए.
डेथ ओवरों में रन रोकने की कला में माहिर हो चुके जसप्रीत बूमराह और भुवनेश्वर कुमार ने कप्तान विरोट कोहली को राहत दी. एक समय 350 रन की ओर बढ़ती दिखाई दे ऑस्ट्रेलियाई टीम के बल्लेबाज़ 40 से 50 ओवरों में सिर्फ़ 59 रन बटोर सके.
पिछले 2 साल में वनडे मैचों के 40 से 50 ओवरों में बूमराह ने 305 गेंद फेंकते हुए 6.49 की इकॉनमी से रन दिए और 24 विकेट लिए. वहीं भुवनेश्वर ने 312 गेंद फेंक कर 7.5 की इकॉनमी से रन देते हुए 12 विकेट लिए. इसी कड़ी में अगर दुनिया के बाक़ी गेंदबाज़ों की बात करे तो ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क ने 213 गेंद डाली और 6.11 की इकॉनमी से 15 विकेट लिए. वहीं दक्षिण अफ़्रीका के कगिसो रबाडा, ऑस्ट्रेलिया के जोश हेज़लवुड, पाकिस्तान के हसन अली भी डेथ ओवर में गेंद डालने में माहिर है.
भारत की जीत में भुवनेश्वर और बुमराह के योगदान को विरोधी कप्तान स्मिथ ने भी माना है. स्मिथ कहते हैं कि उनके ख्याल से बूमराह और भुवनेश्वर मौजूदा समय में सबसे बेहतरीन डेथ ओवर गेंदबाज़ हैं, ख़ासकर जब विकेट धीमी हो रही हो जैसा कि इंदौर में हुआ.
अहम बात ये कि मोहम्मद शमी और उमेश यादव सरीखे गेंदबाज़ों को प्लेइंग इलेवन में शामिल होने का मौक़ा नहीं मिल रहा है और उसके पीछे वजह है भुवी-बुमराह की शानदार डेथ ओवर गेंदबाज़ी जोड़ी जो शुरुआत में तो विकेट निकालते ही हैं साथ ही अंतिम ओवरों में विपक्षी टीम को एक-एक रन के लिए मोहताज करवने का काम करते हैं.