उत्तराखंड में भाजपा ने 23 से घटाकर 14 किए सांगठनिक जिले
देहरादून : प्रदेश भाजपा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर उत्तराखंड में सांगठनिक जिलों में कटौती कर दी है। अब तक पार्टी के प्रदेश में संगठन के लिहाज से 23 जिले थे, जिनकी संख्या अब घटाकर 14 कर दी गई है। 13 प्रशासनिक जिलों की तर्ज पर संगठन के जिले होंगे, केवल एक अपवाद देहरादून महानगर को रखा गया है।
देहरादून महानगर का सांगठनिक जिले का स्वरूप बरकरार रखा गया है, हालांकि इसके जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल को पद से हटाकर प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। साथ ही, प्रदेश स्तरीय विभाग एवं प्रकल्पों की रचना को भी भंग कर दिया गया है। नवनियुक्त जिलाध्यक्षों में 10 पुराने और चार नए चेहरे शामिल किए गए हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 19 व 20 सितंबर को उत्तराखंड प्रवास के दौरान प्रशासनिक जिलों के आधार पर ही सांगठनिक इकाइयां गठित करने के निर्देश दिए थे। इस कड़ी में प्रदेश भाजपा ने पार्टी की जिला इकाइयों के पुनर्गठन का निर्णय लिया था। केंद्रीय नेतृत्व की हरी झंडी के बाद रविवार को नए जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर दी गई।
पिथौरागढ़ में दो जिला इकाइयों को एक कर जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी वीरेंद्र वल्दिया को सौंपी गई है। वल्दिया पहले पिथौरागढ़ जिला इकाई के अध्यक्ष थे। चंपावत में जिलाध्यक्ष का दायित्व निभा रहे हिमेश कलखुडिय़ा को हटाकर उनकी जगह रामदत्त जोशी को अध्यक्ष बनाया गया है। अल्मोड़ा में भी दो इकाइयों को एक किया गया, लेकिन सांगठनिक जिलों अल्मोड़ा व रानीखेत के अध्यक्षों को मौका नहीं दिया गया। अल्मोड़ा में नए चेहरे गोविंद पिल्खवाल को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। नैनीताल जिले में दो इकाइयों में हल्द्वानी का दायित्व देख रहे प्रदीप सिंह बिष्ट को अब जिले का अध्यक्ष बनाया गया है।
पौड़ी जिले में सांगठनिक जिले कोटद्वार के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह बिष्ट को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उत्तरकाशी जिले में रामसुंदर नौटियाल को हटाकर यह जिम्मेदारी श्याम डोभाल को सौंपी गई है। देहरादून जिले में पछवादून व परवादून इकाइयों को एक कर परवादून के अध्यक्ष रहे शमशेर सिंह पुंडीर को जिलाध्यक्ष बनाया गया है।
दून में महानगर जिले में अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे उमेश अग्रवाल को हटाकर विनय गोयल को अध्यक्ष बनाया गया है। ऊधमसिंहनगर में शिव अरोड़ा को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं, बागेश्वर में शेर सिंह गढिय़ा, चमोली में मोहन प्रसाद थपलियाल, रुद्रप्रयाग में विजय कपरवाण, टिहरी में संजय सिंह नेगी को बरकरार रखा गया है।
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