ट्रेनों में शीघ्र एस-वन कोच की बर्थ नंबर 63 होगी पुलिस चौकी का पता

चंदौली । भारतीय रेल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा की दिशा में एक कदम और आगे बढ़कर अब हर ट्रेन में पुलिस चौकी स्थापित करने जा रही है। इससे ट्रेनों में यात्री महफूज होकर सफर कर सकेंगे। मुश्किल में भी यात्रियों की सुनवाई को अस्थाई पुलिस चौकी होगी। मसलन यात्री जरूरत पर सीधा शिकायत दर्ज कराने पहुंच सकेंगे। यह व्यवस्था ट्रेन की सुरक्षा में चल रहे सुरक्षाकर्मियों के अतिरिक्त होगी। सबकुछ ठीक रहा तो ट्रेनों के एस-वन कोच में अस्थाई सुरक्षा चौकी अस्तित्व में जल्द आ जाएगी। इस चौकी का पता एस1 कोच की बर्थ नंबर 63 होगा।

 

सेंट्रल स्टेशन से जेवर भरा बैग चोरी

सेंट्रल स्टेशन पर सोमवार रात एक यात्री का जेवरों से भरा बैग प्लेटफार्म नंबर 8 से चोरी हो गया। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ निवासी शैलेंद्र यादव पिछले दिनों एक शादी कार्यक्रम में पत्नी के साथ कानपुर आए थे। सोमवार रात मरुधर एक्सप्रेस से लौट रहे थे। प्लेटफार्म नंबर 8 पर इंतजार करते समय बैग गायब हो गया। जानकारी होने पर एफआइआर दर्ज कराई शैलेंद्र ने बताया कि बैग में तीन लाख रुपये के जेवर और 15 हजार रुपये नकद थे।

 

17 दिन बाद लिखा चोरी का मुकदमा

ओखा एक्सप्रेस में सफर कर रही युवती के पर्स चोरी के मामले में मंगलवार को सेंट्रल स्टेशन पर एफआइआर दर्ज की गई। सेना में कार्यरत युवती के भाई अमिताभ की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह घटना 25 नवंबर की बतायी गई है।

 

क्यों पड़ी चौकी की जरूरत

ट्रेनों में अपराध पर अंकुश लगाने को मंत्रालय पहले से गंभीर है। यात्रियों की सुरक्षा को आरपीएफ, जीआरपी के जवान असलहों से लैस होकर चलते हैं। सफर में  सुरक्षाकर्मियों के मोबाइल रहने के कारण 24 कोच की ट्रेनों में इन्हें खोजना मुश्किल होता है। इस समस्या से निजात दिलाने को रेलवे बोर्ड प्र्रत्येक ट्रेन में अस्थाई सुरक्षा चौकी की रणनीति बना रहा है।

 

एस-वन कोच में बनेगी चौकी

प्रत्येक ट्रेन में एस-वन कोच की 63 नंबर बर्थ पर प्रतीकात्मक चौकी होगी। ट्रेन के मंजिल को रवाना होने के साथ ही बर्थ पर एक दारोगा की ड्यूटी लगा दी लाएगी। उसके पास वायरलेस सेट होगा, जिससे वह जरूरत पडऩे पर सुरक्षा ड्यूटी में चल रहे कर्मियों को काल कर सके। वायरलेस से मैसेज मिलने पर जवानों को मोर्चा संभालने में मुश्किल नहीं होगी।

 

दर्ज होगी शिकायत, दौड़भाग बंद

ट्रेन में कई तरह के अपराध होते हैं। जिसमें चोरी, उचक्कागिरी, छेडख़ानी भी शामिल है। पीडि़त यात्री बच्चों के साथ कहां जाए, क्या करे, उसके लिए बड़ी मुसीबत। नई व्यवस्था में पीडि़त यात्री को सीधा एस-वन कोच के बर्थ नंबर 63 पर पहुंच कर अपनी पीड़ा बतानी होगी।

 

सुरक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पूर्व मध्य रेल हाजीपुर राजेश कुमार ने बताया कि रेल मंत्रालय ने ट्रेनों में एस-वन कोच का 63 नंबर बर्थ सुरक्षाकर्मियों के लिए आरक्षित कर दिया है। इस बर्थ पर एक सुरक्षाकर्मी को ट्रेन के मंजिल तक पहुंचने तक ड्यूटी देनी होगी। मसलन, मुश्किल में यात्री के पहुंचने पर सुरक्षाकर्मी का मिलना तय है। सुरक्षा के क्षेत्र में यह निर्णय मील का पत्थर साबित होगी।

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