खराब गोले के कारण फटी हॉवित्जर तोप, कीमत है 35 करोड़
नई दिल्ली । इस महीने की शुरुआत में पोखरण में जमीनी परीक्षण के दौरान हॉवित्जर तोप फटने का कारण खराब गोला-बारूद था। सेना की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक, जांच में पाया गया कि दो सितंबर को तोप के बैरल में विस्फोट आर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) द्वारा खराब गोला-बारूद की आपूर्ति के चलते हुआ था। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
बता दें कि हॉवित्जर तोपों को दुनिया की सबसे बेहतरीन तोप माना जाता है। लांग रेंज अल्ट्रा लाइट (यूएलएच) एम-777 तोप अमेरिका से खरीदी गई हैं। परीक्षण के दौरान इस तोप में विस्फोट की घटना के बाद इन तोपों पर सवाल उठने लगे थे।
क्या कहना है ओएफबी का
शुरुआती जांच के नतीजे पर ओएफबी के प्रवक्ता उद्दीपन मुखर्जी ने कहा कि इसकी कई वजहें हो सकती हैं। बैरल के अंदर से गोला काफी तेज रफ्तार से बाहर निकलता है। सिर्फ शेल (गोला) का खराब होना ही एकमात्र कारण नहीं हो सकता। मुखर्जी ने जांच रिपोर्ट पर कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि एम-777 तोप में जो गोला इस्तेमाल किया जाता है, उनका पहले क्वालिटी टेस्ट किया जाता है।
35 करोड़ रुपये है तोप की कीमत
गौरतलब है कि 145 हॉवित्जर तोप के ऑर्डर के तहत मई में भारत को अमेरिका से परीक्षण के लिए दो हॉवित्जर तोपें मिली थीं। एक तोप की कीमत 35 करोड़ रुपये है। सितंबर 2018 में तीन और तोप सेना को मिलेंगी। यहां ये भी खास है कि बोफोर्स घोटाले के 30 साल बाद भारत ने तोप खरीद की डील की है। मार्च 2019 से हर महीने पांच तोप मिलेंगी। माना जा रहा है कि 2021 के मध्य में ये आपूर्ति पूरी हो जाएगी। 145 हॉवित्जर तोप खरीदने पर कुल पांच हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। 25 तोप अमेरिका से भारत लाई जाएंगी। जबकि बाकी 120 भारत में ही बनाई जाएंगी।