होटल अधिग्रहण में बैंक ने की थी चिंदबरम के रिश्तेदार की मदद
नई दिल्ली। सीबीआइ ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि तमिलनाडु में एक होटल पर कब्जा करने में इंडियन ओवरसीज बैंक (आइओबी) के अधिकारियों ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के रिश्तेदार की मदद की थी। जांच एजेंसी ने न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता को बताया कि बैंक के अधिकारियों ने तिरूपुर स्थित होटल कंफर्ट-इन की नीलामी को मंजूरी दी थी, क्योंकि तत्कालीन वित्त मंत्री के परिवार के सदस्य इसे अधिग्रहीत करना चाहते थे।
जांच एजेंसी ने बताया कि पेशे से डॉक्टर के. कथीरवेल, पद्मिनी शिवसुब्रमण्यम व उनके सहयोगियों के साथ भागीदारी में होटल चलाते थे। पद्मिनी पी. चिदंबरम की पत्नी की बहन थीं। अब उनकी मृत्यु हो चुकी है। जांच एजेंसी ने अपने हलफनामे में कहा है कि आमतौर पर अन्य मामलों में बैंक उच्च अदालत के अंतिम फैसले का इंतजार करते हैं, लेकिन इस मामले में बैंक के मुख्य कार्यालय के दबाव पर पद्मिनी शिवसुब्रमण्यम के पक्ष में काम किया। सीबीआइ का आरोप है कि आइओबी के अधिकारियों ने जल्दबाजी में एक या दो दिन के भीतर ही पद्मिनी की होटल अधिग्रहीत करने में मदद की।
सीबीआइ ने हाई कोर्ट से विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय की मांग की, जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 3 मई 2018 की तारीख तय की है। कथीरवेल की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि होटल का जबरदस्ती अधिग्रहण करने के मामले में उन्होंने सीबीआइ में 2016 में पी चिदंबरम, उनके परिवार के सदस्यों व आइओबी के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन जांच एजेंसी ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने सीबीआइ निदेशक से भी शिकायत की है।