जागरुकता से होगी नशामुक्ति : राष्ट्रपति
नई दिल्ली। अन्तरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि नशीले पदार्थों और शराब के व्यसन की समस्या न केवल व्यक्ति, परिवार और समाज को प्रभावित करती है बल्कि यह स्वास्थ्य, संस्कृति, विकास और राजनीति सहित अनेक क्षेत्रों पर असर डालती है। श्री कोविन्द ने मद्यपान और मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने के बाद यहां आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह समस्या गरीबी को तो बढ़ाती ही है साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा, मानवीय संसाधनों और लोक-कल्याण के लिए एक चुनौती है। संविधान के अनुच्छेद 47 में भी प्रावधान किया गया है कि ‘राज्य मादक पेयों और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक औषधियों के उपभोग का निषेध करने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए कई कानून हैं लेकिन प्रभावी समाधान के लिए समाज और समुदायों की सक्रिय भागीदारी होना है। समाज की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करने में आज के इन राष्ट्रीय पुरस्कारों की विशेष भूमिका है। अवैध मादक पदार्थों के दुरुपयोग से लोगों के स्वास्थ्य के लिए भारी चुनौतियां पैदा हो रही हैं। खासकर युवा पीढ़ी और स्कूल में पढने वाले बच्चों पर इस खतरे का अधिक बुरा असर पड़ता है। अक्सर युवाओं तथा बच्चों द्वारा साथियों के दबाव में अवैध मादक पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे युवाओं में इन पदार्थों से होने वाली हानि के बारे में जागरूकता भी नहीं होती है।