असम पुलिस ने ममता बनर्जी पर किया FIR, जानें क्या है पूरा माजरा
गुवाहाटी/कोलकाता: असम पुलिस ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से संबंधित टिप्पणी को लेकर गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. दरअसल, ममता ने आरोप लगाया था कि असम में एनआरसी को अपडेट किए जाने के साथ वहां से बंगालियों को बाहर निकालने के लिए केंद्र सरकार साजिश रच रही है. पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की. ममता नीत पार्टी ने कहा कि ऐसी कोई कार्रवाई उन्हें बंगालियों के हितों की लड़ाई लड़ने से नहीं रोकेगी, जबकि भाजपा ने ममता पर राजनीतिक फायदे के लिए इस विषय को एक मुद्दा बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
असम की भाजपा सरकार ने ममता के बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह अपमानजनक है, असम के लोगों का अपमान है और संविधान तथा उच्चतम न्यायालय की भावना के खिलाफ है. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख के बयान की निंदा करते हुए कई संगठनों ने समूचे असम में प्रदर्शन किया. कुछ स्थानों पर ममता के पुतले भी फूंके गए. ममता ने कल पश्चिम बंगाल के अहमदपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के पहले मसौदे में बंगालियों के नाम हटाकर उन्हें असम से बाहर करने की ‘साजिश’ रचने का आरोप लगाया था. बता दें कि पहले मसौदे का प्रकाशन 31 दिसंबर, 2017 को किया गया.
उन्होंने कहा था, ‘मैं केंद्र की भाजपा सरकार को आग से नहीं खेलने की चेतावनी देती हूं. यह करीब 1. 80 करोड़ लोगों को राज्य से खदेड़ने की केंद्र सरकार की साजिश है.’ गुवाहाटी पुलिस के उपायुक्त (मध्य) रंजन भुइयां ने बताया, ‘लतासिल थाने को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के एक कथित भाषण के संदर्भ में शिकायत मिली है. हमने शिकायत दर्ज कर ली है ओर नियमों के अनुरूप जांच करेंगे.’ उन्होंने बताया कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय के अधिवक्ता तैलेंद्र नाथ दास ने शिकायत की और पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 (ए) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है.
आईपीसी की यह धारा धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, निवास और भाषा के नाम पर लोगों के बीच शत्रुता पैदा करने और सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश से संबंधित है. दास ने ममता पर उच्चतम न्यायालय की अवमानना का भी आरोप लगाया है क्योंकि एनआरसी का काम उच्चतम न्यायालय की प्रत्यक्ष निगरानी में हो रहा है. एक और शिकायत शहर के दिसपुर पुलिस थ्ज्ञाना में कृषक श्रमिक उन्नयन परिष्ज्ञद प्रमुख प्रमोद कलीता ने दायर की थी. उन्होंने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अपने भाषण के जरिए लोगों के बीच शत्रुता फैला रही हैं.
तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्था चटर्जी ने कहा कि यदि भाजपा और असम सरकार को लगता है कि वे पार्टी को और ममता को मुसलमानों के हितों की लड़ाई लड़ने से रोक सकते हैं तो वे लोग पूरी तरह से भ्रम में हैं. इस बीच, पश्चिम बंगाल भाजपा ने भी ममता के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए ‘एक बिना महत्व की बात को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है.’ पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व पर पश्चिम बंगाल को ‘जिहादियों की पनाहगाह’ बनाने का भी आरोप लगाया. राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने आज कहा कि उनके आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं.