2जी घोटाला: सीएम केजरीवाल ने कहा- CBI ने मामले को गड़बड़ कर दिया
नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि 2जी घोटाला देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक है। इसने देश को हिला दिया था और यूपीए सरकार के पतन का कारण बना। आज इस मामले में किसी को सजा नहीं मिली। क्या सीबीआइ ने मामले को गड़बड़ कर दिया? जानबूझकर? देश की जनता को जवाब चाहिए। 2जी घोटाले पर फैसला आने के करीब दो घंटे बाद केजरीवाल ने ट्विटर के जरिये प्रतिक्रिया दी।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता आशुतोष ने प्रेस वार्ता के दौरान 2जी पर आए फैसले को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री देश को बताएं कि इस मामले में क्या डील हुई है। 2जी घोटाले को उछालने का ही नतीजा है कि केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के हाथों से सत्ता चली गई।
जानें- कब क्या हुआ
25 अक्टूबर, 2007: केंद्र सरकार ने मोबाइल सेवाओं के लिए 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की संभावनाओं को खारिज किया।
सितंबर-अक्टूबर, 2008: दूरसचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम लाइसेंस दिए गए।
15 नवंबर, 2008: केंद्रीय सतर्कता विभाग ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में खामियां पाईं और दूरसंचार मंत्रालय के कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की।
21 अक्टूबर, 2009: सीबीआइ ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच के लिए मामला दर्ज किया।
22 अक्टूबर, 2009: मामले के सिलसिले में सीबीआइ ने दूरसचार विभाग के कार्यालयों पर छापेमारी की।
17 अक्टूबर, 2010: भारत के नियंत्रक एव महालेखा परीक्षक (कैग) ने दूसरी पीढ़ी के मोबाइल फोन का लाइसेंस देने में दूरसंचार विभाग को कई नीतियों के उल्लघन का दोषी पाया।
14 नवंबर, 2010: ए राजा ने दूरसंचार मंत्री पद से इस्तीफा दिया।
15 नवंबर, 2010: मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को दूरसंचार मत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।
नवबर, 2010: 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग को लेकर संसद में गतिरोध।
13 दिसंबर, 2010: दूरसंचार विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश शिवराज वी पाटिल समिति को स्पेक्ट्रम आवंटन के नियमों एव नीतियों को देखने के लिए अधिसूचित किया। समिति को दूरसंचार मंत्री को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया।
24-25 दिसंबर, 2010: राजा से सीबीआइ ने पूछताछ की।
31 जनवरी, 2011: राजा से सीबीआइ ने तीसरी बार फिर पूछताछ की। एक सदस्यीय पाटिल समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी।
2 फरवरी 2011: 2जी स्पेक्ट्रम मामले में राजा, पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा और राजा के पूर्व निजी सचिव आरके चंदोलिया को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया।
2 फरवरी, 2012: सुप्रीम कोर्ट ने राजा के कार्यकाल में हुए 2जी लाइसेंस के आवंटनों को रद कर, चार महीने के भीतर लाइसेंस के लिए फिर से निविदा मंगवाने को कहा।
1 जून, 2015: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि कलैगनार टीवी को 2जी आवटन से 200 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचा है।
-19 अप्रैल, 2017: केस की सुनवाई खत्म हुई।
21 दिसबर 2017: पटियाला हाउस कोर्ट स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सभी आरोपियों को बरी किया।