देखें किसने गाजे-बाजे और मंत्रोच्चार के बीच की योगी आदित्यनाथ की शादी
सीतापुर । योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ ही गोरखपुर मंदिर के महंत भी हैं और उनकी शादी भी नहीं हुई लेकिन सीतापुर में एक दुल्हन ने सीएम योगी की तस्वीर के साथ मंत्रोच्चार के बीच सात फेरे लिए और गाजे बाजे के साथ सभी रस्में भी पूरी की गईं। शादी के दौरान आए अतिथियों का स्वागत भी किया गया है। दरअसल यह सब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की कई लंबित मांगों पर सीएम का ध्यान आकर्षित कराने के उद्देश्य से विरोध का अनोखा तरीका अपनाया गया है। महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष नीतू सिंह ने आज आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की विभिन्न मांगों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से सांकेतिक रूप में विवाह किया है।
दुल्हन का कहना है योगी सरकार हमारी नहीं सुन रही है। हमने सोचा शादी कराके पौने 4 लाख बहनों का भला हो जाएगा। ऐसे तो योगी जी हठी हैं सुनेंगे नहीं। 120 दिन का टाइम दिया गया था, लेकिन अब तक 9 महीने का वक्त पूरा हो गया है। शादी होने के बाद शायद उन्हें महिलाओं की वैल्यू मालूम हो जाएगी। अभी 8 तारीख को सीएम योगी आ रहे हैं। हम उन्ही के साथ चले जाएंगे। मांगें पूरी नहीं हुई तो घोड़ी पर चढ़कर चले जाएंगे। वहीं दूल्हा बनी कल्पना ने बताया एक पत्नी को पति हर खुशी देता है। उसकी हर जिद पूरी करता है। इसीलिए हमने ये रास्ता अपनाया है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सहायिकाओं को सम्मानजनक मानदेय देने समेत कई मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अनूठे तरीके से विरोध जताया। सीतापुर विकास भवन के समक्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पोस्टर व पगड़ी बंधाकर संघ की जिलाध्यक्ष ने वरमाला पहनाई। इसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संतोषी माता मंदिर पहुंचे और माथा टेककर आशीर्वाद लिया।
कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने धरनास्थल पर एकत्रित होकर हुंकार भरी। प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए आर-पार की लड़ाई का ऐलान भी किया। मंगलवार शाम महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष नीतू सिंह ने साथी कार्यकर्ता को योगी आदित्यानाथ का पोस्टर लगाकर व पगड़ी बंधवाकर उसे वरमाला पहनाकर विवाह रचाया। इस दौरान जिलाध्यक्ष चुनरी पहने हुए दुल्हन की भेषभूषा में नजर आईं। इसके पश्चात सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आंख अस्पताल रोड स्थित संतोषी माता मंदिर पहुंची, जहां माथा टेककर आशीर्वाद लिया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का तर्क था कि मुख्यमंत्री तक आवाज पहुंचाने का संघ का अनूठा विरोध प्रदर्शन था।