साहसी महिला ने जान पर खेलकर दो बच्चों को मौत के मुंह से बचाया
मानिला : अल्मोड़ा जिले में भारी बारिश से उफनाए बरसाती नाले को पार करने की कोशिश में महिला और दो बच्चे बह गए। लेकिन महिला ने हार नहीं मानी और काफी दूर तक थपेड़े झेलने के बाद उसने खुद के साथ दोनों बच्चों की जान बचा ली।
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती…यह लाइनें बिल्कुल सटीक बैठती हैं सल्ट ब्लॉक के बसभीड़ा गांव की महिला पर। दरअसल, आज शाम से क्षेत्र में भारी बारिश होने लगी। समीपवर्ती तौड़पानी गांव में भंडारे में गई बसभीडा गांव की गोपुली देवी(40 वर्ष) वापस घर के लिए रवाना हुई। उसके साथ गांव के ही चंदन सिंह की बेटी प्राची(8 वर्ष) और नंदन सिंह का बेटा अमन(5 वर्ष) भी था।
बारिश इतनी तेज थी कि गांव के रास्ते में पड़ने वाला बरसाती गदेरा उफान पर आ गया। गोपुली देवी दोनों बच्चों को नाला पार कराने लगी। इसी दौरान तेज बहाव में संतुलन बिगड़ने से महिला और बच्चे बहते चले गए। तीनों पत्थरों से टकराते हुए काफी दूर तक बह गए। लेकिन गोपुली देवी ने हिम्मत नहीं हारी। सामने एक बड़ी चट्टान थी और महिला ने बच्चों को पकड़ते बिना कुछ सोचे उस चट्टान को जकड़ लिया।
इसी बीच सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र गुसाई और अन्य ग्रामीणों को इसका पता लगा तो वो मौके पर पहुंचे और किसी तरह तीनों को उफनाए नाले से निकाला गया। लेकिन तब तक बच्चे बेहोश हो चुके थे और महिला की हालत भी गंभीर है।
आपदा प्रबंधन के इंतजामों की खुली पोल
भारी बारिश के बाद जनपद के दुर्गम में आपदा से निपटने के इंतजामों की भी पोल भी खुल गई। सल्ट और स्याल्दे ब्लॉक से आपातकालीन 108 सेवा घंटे भर बाद भी उपलब्ध नहीं हो पार्इ। ऐसे में समाजसेवी राजेंद्र गुसाई ने वाहन का बंदोबस्त किया। तब जाकर तीनों को करीब 40 किमी दूर सीएचसी देवायल ले जाया गया। इधर एसडीएम गौरव चटवाल ने चिकित्सा कर्मियों को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं। कहा कि तकनीकी कारणों से इमर्जेंसी 108 सेवा उपलब्ध नहीं हो सकी। उन्होंने कहा इलाज में जो भी खर्च आएगा उसका भुगतान दिलाया जाएगा।