पेट्रोल व डीजल की कीमतों को कांग्रेस ने बनाया मुद्दा, माकन बोले- डर गई ‘आप’
नई दिल्ली । पेट्रोल व डीजल की बढ़ी कीमतों के विरोध में कांग्रेस 21 सितंबर को मंडी हाउस से संसद मार्ग तक मानव श्रृंखला बनाएगी। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि डीजल व पेट्रोल के बढ़े हुए दाम के विरोध में पार्टी ने तीन दिनों तक दिल्ली में हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिसका मंगलवार को समापन हो गया।
17 से 19 सितंबर तक चले इस अभियान में लगभग दस लाख लोगों से हस्ताक्षर कराए गए हैं। इससे प्रोत्साहित होकर मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज कराने का फैसला किया गया है। इसमें कांग्रेस के सभी 14 जिलों के कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां व बैनर लेकर पेट्रोल और डीजल के दाम कम करने की मांग करेंगे।
कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई
माकन ने कहा कि साढ़े तीन वर्षों में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल पर बढ़ाए गए टैक्स के कारण इनकी कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। केंद्र सरकार ने तीन वर्षों में पेट्रोल व डीजल पर 11 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है, जबकि केजरीवाल सरकार ने कानून में संशोधन करके पेट्रोल व डीजल पर वैट 20 फीसद से बढ़ाकर 30 फीसद कर दिया।
डर गए हैं केजरीवाल
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के हस्ताक्षर अभियान से केजरीवाल डर गए हैं। इसलिए आम आदमी पार्टी (आप) केंद्र सरकार के विरोध का नाटक कर रही है। ‘आप’ के कार्यकर्ताओं को तो खुद केजरीवाल व अपने विधायकों के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए क्योंकि पेट्रोल व डीजल के दामों में बढ़ोतरी के लिए ये भी जिम्मेदार हैं।
पेट्रोल व डीजल की बढ़ी कीमत के पीछे बड़ा खेल
आम आदमी पार्टी (आप) ने फिर आरोप लगाया है कि डीजल और पेट्रोल की बढ़ रही कीमत के पीछे बड़ा खेल हो रहा है। पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में ‘आप’ के वरिष्ठ नेता व दिल्ली के संयोजक गोपाल राय ने कहा कि सत्ता में आने से पहले भाजपा कहती थी कि महंगाई कम करेंगे, लेकिन आज पेट्रोल व डीजल के जरिये महंगाई आसमान छू रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जब भाजपा केंद्र की सत्ता में आई थी तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल के करीब थी और खुदरा में पेट्रोल के दाम 70 रुपये के आसपास थे। अब 2017 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 50 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है तब भी दिल्ली में खुदरा में पेट्रोल के दाम 70 रुपये के करीब हैं।
मुनाफा किसकी जेब में जा रहा है
पेट्रोल के इस खेल में 56 फीसद का जो मुनाफा है वह किसकी जेब में जा रहा है। वहीं, ‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि बुधवार को पार्टी ने सभी विधायकों और संगठन के कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है जिसमें इस मामले में आंदोलन शुरू करने की रणनीति तय की जाएगी।